राजनीति से अपराध का साया हटाने को मोदी सरकार का बड़ा कदम, संसद में पेश होगा 130वां संविधान संशोधन बिल
राजनीति से अपराध का साया हटाने को मोदी सरकार का बड़ा कदम, संसद में पेश होगा 130वां संविधान संशोधन बिल
नई दिल्ली: राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है। सरकार बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी, जिनमें 130वां संविधान संशोधन बिल भी शामिल है। इस बिल को राजनीति से अपराधियों की भागीदारी कम करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
क्या है बिल का प्रावधान?
प्रस्तावित संशोधन बिल के तहत यदि कोई मंत्री—चाहे वह प्रधानमंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या केंद्रीय/राज्य मंत्री ही क्यों न हो—संगीन अपराध में 5 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराध के मामले में 30 दिन से ज्यादा हिरासत में रहता है, तो उसे तुरंत अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ेगा।
जनप्रतिनिधियों पर सीधा असर
अब तक कई बार यह देखा गया है कि गंभीर आपराधिक मामलों में आरोप झेलने के बावजूद नेता लंबे समय तक सत्ता में बने रहते हैं। यह संशोधन ऐसे मामलों में निर्णायक बदलाव लाएगा। इसके लागू होने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि अपराध सिद्ध होने पर न तो मंत्री पद पर बने रह पाएगा और न ही शासन-प्रशासन पर प्रभाव डाल पाएगा।
लोकतंत्र को स्वच्छ बनाने की दिशा में पहल
कानूनी और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बिल भारतीय लोकतंत्र को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे राजनीति में ‘साफ-सुथरी छवि वाले नेताओं’ को बढ़ावा मिलेगा और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की दखलअंदाजी कम होगी।
तीन अहम बिल एक साथ पेश होंगे
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में कुल तीन विधेयक पेश करने जा रही है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 130वां संविधान संशोधन बिल है, जबकि अन्य दो विधेयक भी शासन-प्रशासन से जुड़ी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर केंद्रित होंगे।
राजनीति में नई शुरुआत?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बिल दोनों सदनों से पास होकर कानून बन जाता है तो भारतीय राजनीति में यह एक नई शुरुआत होगी। इससे जनता का विश्वास और मजबूत होगा और राजनीति में अपराध का असर घटेगा।
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