पोंग बांध में जलस्तर 1380.50 फीट, सभी छह मशीनें चालू – निचले क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की अपील - Smachar

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पोंग बांध में जलस्तर 1380.50 फीट, सभी छह मशीनें चालू – निचले क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की अपील

 पोंग बांध में जलस्तर 1380.50 फीट, सभी छह मशीनें चालू – निचले क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की अपील


कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश का प्रमुख पोंग बांध लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण चर्चा में है। रविवार को दोपहर 1 बजे तक बांध का जलस्तर 1380.50 फीट दर्ज किया गया। इस समय बिजली उत्पादन हेतु बांध की सभी छह मशीनें (टर्बाइन यूनिट्स) पूरी क्षमता के साथ परिचालन में हैं। मौसम विभाग के अनुसार बांध क्षेत्र में आसमान बादलों से ढका हुआ है और ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा की संभावना बनी हुई है।

प्रवाह और निकासी की स्थिति

ताज़ा जानकारी के अनुसार, पोंग बांध में वर्तमान में 1,37,907 क्यूसेक पानी का प्रवाह (इनफ्लो) दर्ज किया गया है।

टर्बाइन के माध्यम से बांध से 17,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

स्पिलवे गेट्स खोलकर 42,306 क्यूसेक पानी की अतिरिक्त निकासी की जा रही है।

इस प्रकार कुल मिलाकर बांध से 59,926 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, ताकि जलस्तर को नियंत्रित रखा जा सके।

डाउनस्ट्रीम पर असर

बांध प्रबंधन ने बताया कि

एमएचसी (MHC) पर पानी का स्तर 11,500 क्यूसेक दर्ज किया गया है।

डाउन स्ट्रीम एसएनबी (D/s SNB) पर जलस्तर बढ़कर 48,201 क्यूसेक तक पहुंच गया है।

यह आंकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि बांध से छोड़े जा रहे पानी का असर नीचे की ओर तेजी से बढ़ रहा है और अगले कुछ घंटों में निचले क्षेत्रों में जलस्तर और बढ़ सकता है।

प्रशासन की सतर्कता

जल संसाधन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोग सतर्क रहें। लगातार बढ़ते प्रवाह को देखते हुए नदी और नालों के किनारे जाने से परहेज करें। अचानक पानी छोड़े जाने की स्थिति में निचले इलाकों में बाढ़ जैसी परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं।

पोंग बांध का महत्व

पोंग बांध हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में व्यास नदी पर स्थित है। यह उत्तर भारत के सबसे बड़े जलाशयों में गिना जाता है और पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के लिए बिजली उत्पादन एवं सिंचाई की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। बांध का जलस्तर बढ़ना जहां बिजली उत्पादन के लिहाज से सकारात्मक है, वहीं निचले इलाकों के लिए खतरे की घंटी भी बजा देता है।

लोगों से अपील

प्रशासन ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, लेकिन स्थिति को हल्के में भी न लें। आवश्यक सावधानियां बरतें और नदी-नालों के किनारे जाने से बचें।

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