आपदा में भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघ गए कांग्रेसी : जयराम ठाकुर
आपदा में भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघ गए कांग्रेसी : जयराम ठाकुर
पहले कर्मचारियों का स्थानांतरण होता था व्यवस्था परिवर्तन में संस्थाओं का हो रहा है
-धर्मपुर में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, स्थानीय विधायक और कांग्रेस पार्टी को लिया निशाने पर
-84 आपदा प्रभावितों को बाँटी राहत राशि, सराज के लिये मदद भेजने पर भी जताया आभार
मंडी/धर्मपुर
प्राकृतिक आपदा की तरह प्रदेश की ये व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली सरकार भी एक आपदा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान धर्मपुर और चोलथरा में कहा कि दिसंबर 2022 जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तो ये आपदाएं साथ लेकर आई। जब कैबिनेट में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ही दो थे तो इन्होंने हमारे समय खोले 2000 संस्थान बंद कर प्रदेश को आपदा में झोंक दिया। काम करते हुए इनको 6 माह भी नहीं हुए थे तो इतनी बड़ी आपदा आई कि सरकार को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि करें तो करें क्या। ये आपदा से निबटने के लिए तैयार ही नहीं थे जिसका नुकसान अभी तक प्रदेश झेल रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र हमारी उस समय मदद न करता तो हमें तो इन्होंने मरने की हालत में छोड़ दिया था। जैसे झूठ बोलकर ये सत्ता में आए वैसे ही आपदा में भी इन्होंने 4500 करोड़ के पैकेज की घोषणा कर झूठ बोला जो आज तक भी लोगों को नहीं मिले और सिर्फ अपने मित्रों के घर भरे। पिछले दिनों मेरे क्षेत्र में 30 जून की रात प्राकृतिक आपदा आई तो मुख्यमंत्री 9 दिन बाद तब आए जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी पहुंच गए थे। वहां आकर जायजा लिया और मेरे सामने मुख्य सचिव को फ़ोन किया कि 1 करोड़ रुपए तुरंत सराज को भेजो जबकि नुकसान हमारा 1000 करोड़ से अधिक का आंका जा चुका था। 2500-2500 रुपए की फौरी राहत राशि बांटने के लिए भी मुख्य के लिए आने का इंतज़ार किया जा रहा था। ऐसे हालात थे कि हम सरकार के सहारे रहते तो लोग भूखे मर जाते। 500 घर पूरी तरह तबाह हुए और 1000 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए जो रहने लायक नहीं बचे। मेरा क्षेत्र आज इस आपदा के बाद 30 वर्ष पीछे चला गया है। यहां भी धर्मपुर 10 वर्ष पीछे चला गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जहां महेंद्र सिंह ठाकुर जी छोड़कर गए हैं आज धर्मपुर वहीं खड़ा है। मैं सुन रहा हूँ यहां भी कांग्रेस के विधायक ने अढाई साल में ही करोड़ो की कोठी बना ली। ये जनाब भी बहुत जल्दबाजी में हैं। ये भी एक आपदा है। मेरे यहाँ भी एक नेता है जो पंचायत का प्रतिनिधि तक नहीं है लेकिन सुख की सरकार में एक नहीं तीन जगह कोठियां बना ली। ये आपदा में अवसर है। सब तरफ इस सरकार में लूट चली हुई है। सरकार में ऊपर से लेकर नीचे तक सब लूट में शामिल हैं। इन्होंने भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ दी हैं। सरकारी पैसों की लूट के किये मारामारी चली हुई है। हमारे यहां एक नेता एक टेंडर के लिए लड़ाई झगड़े तक उत्तर आया है और मुख्यमंत्री का मित्र बताकर अधिकारियों को हड़का रहा है। यहां काम ही सिर्फ मित्रों के हो रहे हैं। कैबिनेट में मंत्रियों को जानकारी नहीं होती लेकिन मित्रों को पूरी खबर होती है कि कहाँ क्या हो रहा है। मुख्यमंत्री भी सिर्फ मित्रों को पाल रहे हैं। मित्र कहीं नाराज न हो जाए उसकी उन्हें बड़ी चिंता होती है। भले ही जनता तकलीफ में रहे लेकिन मित्रों को आंच नहीं आनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि मैं एक दिन में 900 करोड़ के उद्घाटन धर्मपुर से ही करके भी गया हूँ लेकिन आज इनके पास पैसा नहीं है। मुख्यमंत्री आज 12 लाख के पटवार खाने का उद्घाटन करने को मजबूर हैं। मेरे इलाके में एक प्रधान ने कहा था कि हमारा पंचायत भवन 30 लाख की लागत से बनकर तैयार है आप अगर नहीं आ सकते तो मैं ही कर देता हूँ। मैंने उसी समय कहा था आप खुशी खुशी करो। मुख्यमंत्री के पद की गरिमा होती है लेकिन यहां सब तार तार है। सराज में आकर मुख्यमंत्री कहते हैं सराज में जयराम ने कुछ नहीं किया और शिमला जाकर कहते हैं इतना सारा पैसा सराज में लगा दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार फलफूल रहा है। पेखू बेला सोलर प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार का अड्डा है। जो सुना आजकल बाढ़ में डूब गया है। एक ईमानदार इंजीनियर विमल नेगी की बलि इस प्रोजेक्ट में उपजे भ्रष्टाचार का परिणाम है। धर्मपुर में एक विधायक की कमी है इसको भी पूरा कर देंगे। आपने सराज की आपदा में मदद की उसके लिए मैं सराज की जनता की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूँ।
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि इस बार आप गलती मत करना। लोगों ने इस सरकार में जो उपेक्षा का दंश झेला है उसकी भरपाई करेंगे। पूरे प्रदेश में आज हाहाकार मचा हुआ है। इनके पास पैसा है नहीं और जो केंद्र से मिल रहा है उसको सिर्फ मित्रों पर लुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2023 की आपदा से अभी तक 5000 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र से आपदा प्रबंधन के लिए मिली लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री कहते हैं कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के स्थानांतरण की बातें हमने सुनी और देखी थी लेकिन सुक्खू जी ने अब संस्थानों का स्थानांतरण करने का नया रिवाज शुरू किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर आपको कुछ करना है तो नया करिए, बेहतर करिए, बहुत बड़ा करिए हम ही स्वागत करेंगे। पर जो कोई काम पहले से हुआ है तो उसे खराब करके आपको क्या मिलेगा। मेरे विधानसभा क्षेत्र में खुले 7 वर्षों से चल रहे संस्थानों के पीछे पड़े हुए हैं। अब नेरचौक से अटल मेडिकल एवं रिसर्च यूनिवर्सिटी को शिफ्ट किया जा रहा है जो सही नहीं है। इस अवसर पर उन्होंने धर्मपुर के 84 आपदा प्रभावितों को 21 लाख रुपए से अधिकत की राहत राशि भी बांटी जो भाजपा कार्यकर्ताओं ने जुटाई थी। इस मौके पर पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, सरकाघाट के विधायक दलीप ठाकुर, भाजपा सह मीडिया प्रभारी एवं धर्मपुर से प्रत्याशी रहे रजत ठाकुर और भाजपा नेत्री बंदना गुलेरिया भी उपस्थित रही।
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