मनाली-कुल्लू में ब्यास का कहर: होटल-घर जमींदोज, सड़कें टूटीं, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
मनाली-कुल्लू में ब्यास का कहर: होटल-घर जमींदोज, सड़कें टूटीं, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
मनाली
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रदेशवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश ने जहां भूस्खलन की घटनाओं में इजाफा किया है, वहीं नदियों का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है। विशेषकर ब्यास नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है और इसके उफान ने मनाली और कुल्लू क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है।
बाहंग क्षेत्र में तबाही
मनाली उपमंडल के बाहंग क्षेत्र में ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से किनारे बसे कई घर, दुकानें और होटल इसकी चपेट में आ गए।
प्रसिद्ध शेरे-ए-पंजाब होटल नदी की तेज धारा में बह गया।
होटल के पास स्थित कई दुकानें भी देखते ही देखते पानी में समा गईं।
एक लोकप्रिय कैफे का केवल मुख्य गेट ही बच पाया, जबकि बाकी ढांचा और सामान नदी की लहरों में समा गया।
इस भयावह स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बाहंग क्षेत्र के किनारे बसे लोगों को तुरंत घर खाली कराने और सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्णय लिया। रातभर प्रशासन, पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर रेस्क्यू कार्य किया।
मंडी में रेस्क्यू ऑपरेशन
इसी बीच मंडी जिले में भी ब्यास नदी ने खतरा बढ़ा दिया है।
देर रात आलू ग्राउंड स्थित किसान भवन (एपीएमसी) के चारों ओर पानी भर गया।
भवन के भीतर फंसे दीप चंद (36), निवासी कटराई, कुल्लू को बाहर निकालने के लिए बड़ा रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमों ने हाइड्रा क्रेन और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित बाहर निकालकर बड़ी राहत दी।
सड़क मार्ग ध्वस्त, यातायात ठप
भारी बारिश और ब्यास के तेज बहाव से क्षेत्र का सड़क नेटवर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मनाली-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) ढंकार के पास पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिससे दोनों ओर यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
राइट बैंक रोड पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। प्रशासन ने वाहनों को रायसन से लेफ्ट बैंक रोड की ओर डायवर्ट किया है।
मनाली-लेह मार्ग भी समाहण के पास टूट गया है, जिससे लद्दाख की ओर जाने वाले पर्यटकों और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।
इसके अलावा, मनाली से बुरुआ को जोड़ने वाली सड़क भी बह गई है।
विधायक ने किया दौरा
पूर्व मंत्री एवं विधायक गोविंद सिंह ठाकुर मौके पर पहुँचे और हालात का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि ब्यास नदी और मनालसु नाले का जलस्तर खतरनाक स्तर पर है। लोगों को चाहिए कि वे नदी-नालों के समीप न जाएँ और सतर्कता बरतें। उन्होंने जनता से संयम बनाए रखने और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की।
ठाकुर ने कहा— “यह समय सतर्क रहने का है। माता हिडिंबा सबकी रक्षा करें।”
बारिश बनी आफत, यात्रियों में दहशत
लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ गई हैं।
कई जगहों पर सड़कों के टूट जाने से यातायात प्रभावित है।
होटल और गेस्ट हाउसों में रुके पर्यटक फंसे हुए हैं।
स्पीति से लौटे कुछ पर्यटकों ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से मनाली में फंसे हुए हैं और नदी के उफान से बेहद डरे हुए हैं।
स्थानीय लोग भी कह रहे हैं कि उन्होंने कई सालों में ब्यास का इतना भयावह रूप नहीं देखा। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और रातभर की बारिश ने लोगों को और चिंतित कर दिया है।
प्रशासन अलर्ट पर
प्रशासन ने कहा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
रेस्क्यू टीमें अलर्ट पर हैं और प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
आपातकालीन नंबरों पर संपर्क करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
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