स्वास्थ्य बचाओ, प्लास्टिक मत जलाओ — पर्यावरण संरक्षण की अपील
स्वास्थ्य बचाओ, प्लास्टिक मत जलाओ — पर्यावरण संरक्षण की अपील
लाहौल-स्पीति/मंडी/ऊना
प्लास्टिक प्रदूषण आज के दौर की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। खासकर प्लास्टिक जलाने से वातावरण में खतरनाक जहरीली गैसें मिलती हैं, जो सीधे तौर पर मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हो रही हैं। इसी संदेश को आमजन तक पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण प्रेमियों ने "प्लास्टिक मत जलाओ — स्वास्थ्य बचाओ" अभियान शुरू किया है।
इस अभियान में साफ तौर पर बताया गया है कि प्लास्टिक जलाना जहर फैलाना है। जब प्लास्टिक जलती है तो उसमें से डाइऑक्सिन, फ्यूरान और अन्य जहरीली गैसें निकलती हैं, जो न केवल हवा को जहरीला बनाती हैं बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक जलाने से बच्चों और बुजुर्गों की सांस संबंधी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। फेफड़ों के संक्रमण, दमा और हृदय रोगों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि लोग अपने आस-पास किसी भी जगह प्लास्टिक कचरे को जलाने से बचें।
अभियान के प्रमुख संदेश
1. स्वास्थ्य बचाओ — प्लास्टिक मत जलाओ
2. प्लास्टिक जलाना = जहर फैलाना
3. स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन — प्लास्टिक जलाना बंद करें
4. प्लास्टिक जलने से फैलता है कैंसर का खतरा
5. हमारे बच्चों की सांसें बचाएँ — प्लास्टिक न जलाएँ
6. प्लास्टिक जलाना अपराध है, पर्यावरण बचाना हमारा कर्तव्य है
7. हरी-भरी धरती के लिए — प्लास्टिक जलाना बंद करें
8. प्लास्टिक जलने से हवा जहरीली होती है — STOP NOW
9. हम स्वच्छ भारत चाहते हैं — तो प्लास्टिक न जलाएँ
10. पर्यावरण है जीवन — इसे जलाएँ नहीं, बचाएँ
प्रशासन ने भी आमजन से अपील की है कि यदि कहीं भी कोई प्लास्टिक जलाता हुआ दिखाई दे, तो उसकी सूचना तुरंत पंचायत या नगर परिषद को दें।
समाधान क्या है?
प्लास्टिक कचरे को जलाने के बजाय रीसाइक्लिंग और सही निस्तारण पर जोर देना चाहिए। घरों में अलग-अलग डस्टबिन का प्रयोग करके प्लास्टिक को अन्य कचरे से अलग किया जा सकता है। नगर निकायों ने इसके लिए विशेष कचरा वाहन भी चलाए हैं।
इस पहल का मकसद है — "स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन" और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण देना।
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