भारी बारिश के कारण मणिमहेश यात्रा पर रोक, पत्थरों की चपेट में आने से श्रद्धालु की हुई मौत
भारी बारिश के कारण मणिमहेश यात्रा पर रोक, पत्थरों की चपेट में आने से श्रद्धालु की हुई मौत
चंबा : जितेन्द्र खन्ना /
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने हड़सर से आगे की यात्रा पूरी तरह से बंद कर दी है। इस दौरान, जम्मू-कश्मीर के एक श्रद्धालु की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से यात्रा पर निकले लोगों में दहशत फैल गई है।
भूस्खलन में श्रद्धालु की मौत
यह दुखद घटना धनछो के पास गुईनाला में घटी, जब पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से जम्मू-कश्मीर के डोडा गांव के रहने वाले 41 वर्षीय देवेंद्र सिंह की जान चली गई। जन्माष्टमी के अवसर पर 'छोटा न्हौण' के लिए हजारों श्रद्धालु मणिमहेश झील की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन यात्रा पर रोक लगने और रास्ते बंद होने से वे बीच में ही फंस गए हैं।
हाईवे पर भूस्खलन और जाम
भारी बारिश के कारण चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगहों पर भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ रहा है। लगातार बारिश से सड़क पर मलबा और बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं, जिससे पैदल यात्रियों और वाहन चालकों की जान को खतरा है। प्रशासन जेसीबी मशीनों की मदद से रास्तों को साफ करने में जुटा है।
प्रशासन की चेतावनी और सुरक्षा व्यवस्था
उपायुक्त चंबा, मुकेश रेप्सवाल ने सभी श्रद्धालुओं और आमजन से अपील की है कि मौसम में सुधार होने तक यात्रा पर न निकलें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि चंबा मुख्यालय से आगे जाने वाले सभी यात्रियों को रोक दिया गया है और बिना अनुमति के किसी को भी हड़सर से ऊपर जाने की इजाजत नहीं है।
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस और प्रशासनिक दल स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालु जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के टोल-फ्री नंबर 98166-98166 या 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था
जिन श्रद्धालुओं को यात्रा रोके जाने के कारण रुकना पड़ा है, उनके लिए हड़सर और आसपास के क्षेत्रों में अस्थायी आश्रयों और धर्मशालाओं में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यात्रा तभी दोबारा शुरू की जाएगी, जब मौसम साफ हो जाएगा और सभी मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएंगे। हर साल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहने वाली यह यात्रा इस बार लगातार खराब मौसम की चपेट में आ गई है।
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