आरबीआई ओम्बेड्समैन द्वारा- उपभोक्ता जागरूकता एवं पुन: केवाईसी अभियान का आयोजन
आरबीआई ओम्बेड्समैन द्वारा- उपभोक्ता जागरूकता एवं पुन: केवाईसी अभियान का आयोजन
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के ओम्बेड्समैन कार्यालय, बैंकिंग सर्विसेज और डिजिटल फाइनेंस लेन-देन के प्रति परामर्श करने के लिए एक विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 14 अगस्त 2025 को जिला निवेशक, हिमाचल प्रदेश के सिटी हार्ट होटल, मनाली में हुआ। इस अभियान में लीड बैंक ने भी सक्रिय सहायता प्रदान की।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रिजर्व बैंक-एक मान्यता प्राप्त ओम्बेड्समैन योजना (आरबी-आईओएस), 2021 के उपयोगकर्ता-ग्राहकों को आम जनता तक पहुंचाना, सुरक्षित डिजिटल वित्तीय सहायता के प्रति जागरूकता, डिजिटल मॉड्यूल से आरक्षण के लिए आवश्यक सूचनाओं को साझा करना और ग्राम पंचायत स्तर पर वित्तीय समावेशन (वित्तीय समावेशन) योजना को पूर्ण रूप से साकार करना था।
कार्यक्रम के ट्रस्टी राकेश चंद, आरबीआई ओम्बेड्समैन, हिमाचल प्रदेश ने की। इस अवसर पर डिप्टी ओम्बेड्समैन अनिल पांडोत्रा, जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लगभग 150 ग्राहक शामिल थे।
ओम्बेड्समैन राकेश चंद ने अपनी ओम्बेड्समैन योजना में बताया कि आरबीआई की ओम्बेड्समैन योजना, 2021 ओम्बेड्समैन के हित को केंद्र में विकसित किया गया है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के डिजिटल डिजिटल बेटड्रारियों जैसे मछली पकड़ना, कॉल या मैसेज द्वारा धोखाधड़ी, नकली सामान और ऑनलाइन भुगतान में हो सकने वाले जोखिमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोगों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं का सुरक्षित उपयोग करने, अपने वित्तीय डेटा की सुरक्षा करने और डिजिटल लेन-देन में समय बनाए रखने की सलाह दी।
कार्यक्रम में पीएनबी, बीओएल, एक्सिस बैंक, डिजिटल्स बैंक, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक (एचपीजीबी), केसीसी बैंक समेत कई बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने अपनी-अपनी समग्री की आंतरिक शिकायत चोट प्रणाली और लक्ष्य को उपलब्ध कराने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी साझा की। इस आरंभिक सहायता से किसी भी वित्तीय समस्या या शिकायत के मामले में यह समझा जा सकता है कि कैसे तत्काल और प्रभावी समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
ओम्बेड्समैन कार्यालय ने इस अवसर पर आगंतुकों को पुनः केवाईसी (पुनः-केवैसी) प्रक्रिया के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में भी बताया। उन्होंने सभी बैंक खाताधारकों को अपना केवाईसी विवरण समय-समय पर अपडेट करने, अपने दस्तावेज की गारंटी बनाए रखने और डिजिटल वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल कोचिंग में सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग व्यवहार को शामिल करना जरूरी है, बल्कि वित्तीय समावेशन की दिशा में भी एक मजबूत संदेश दिया गया है कि हर ग्राहक तक बैंकिंग सुविधा की पहुंच सुनिश्चित करना और उनकी प्रतिबद्धता का शीघ्रता से पालन-पोषण करना और बैंकों की सदस्यता सुनिश्चित करना है।
इस प्रकार यह जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ और उन्हें डिजिटल नेटवर्क के सुरक्षित, विश्वसनीय और स्थिर उपयोग के प्रति जागरूक किया गया।
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