अग्निवीर अरुण कुमार पंचतत्व में विलीन, पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई - Smachar

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अग्निवीर अरुण कुमार पंचतत्व में विलीन, पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

 अग्निवीर अरुण कुमार पंचतत्व में विलीन, पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई


मनाली : ओम बौद्ध /

लाहौल घाटी का वीर सपूत, भारतीय सेना का अग्निवीर अरुण कुमार वीरवार को अपने पैतृक गांव किशोरी में पंचतत्व में विलीन हो गया। रविवार को सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान अचानक सिर दर्द की शिकायत के बाद उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। अरुण कुमार मात्र 27 वर्ष के थे और सेना में सेवाएं देते हुए अपने गांव, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे थे।


वीरवार सुबह करीब 10:15 बजे सेना का हेलीकॉप्टर शहीद अरुण कुमार का पार्थिव शरीर उदयपुर हेलीपैड पर लेकर पहुंचा। वहां से सैन्य वाहन में पार्थिव शरीर को करीब 11 बजे उनके पैतृक गांव किशोरी लाया गया। जैसे ही अरुण कुमार का शव गांव पहुंचा, पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। परिवारजन व ग्रामीण रो-रो कर बेसुध हो गए और हर कोई अपने लाल को अंतिम बार देख कर बिलख पड़ा।


सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार


गांव किशोरी में हजारों लोग अरुण कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए। सेना के जवानों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया। "भारत माता की जय" और "अरुण कुमार अमर रहे" के नारों के बीच उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन की ओर से एसडीएम उदयपुर अलीशा चौहान और डीएसपी केलांग उपस्थित रहे।


शोक की लहर


अरुण कुमार की शहादत से पूरे लाहौल घाटी में शोक की लहर दौड़ गई। गांव-गांव से लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। शोकसभा में माहौल गमगीन था, लेकिन साथ ही हर किसी की आंखों में अरुण की बहादुरी और देशभक्ति की झलक थी।


जनप्रतिनिधियों ने व्यक्त किया शोक


लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा, भाजपा नेता रवि ठाकुर और पूर्व मंत्री राम लाल मार्कण्डेय ने अरुण कुमार की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। रवि ठाकुर ने उनके लिए विशेष पूजा-अर्चना भी करवाई और कहा कि अरुण कुमार जैसे जांबाज जवान की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर डटे रहने वाले इन वीर जवानों की कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।


परिवार का दर्द


अरुण कुमार के माता-पिता, भाई-बहन और पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि अरुण न सिर्फ एक आदर्श बेटा थे बल्कि गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी थे। गांव के कई लोगों ने सरकार से मांग की कि शहीद जवान के परिवार को उचित सहायता और सम्मान मिले।

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