जांगल पंचायत में सड़क का अधूरा काम बना सिरदर्द, जलभराव से फैली गंदगी, बढ़ा बीमारियों का खतरा
जांगल पंचायत में सड़क का अधूरा काम बना सिरदर्द, जलभराव से फैली गंदगी, बढ़ा बीमारियों का खतरा
शाहपुर : जनक पटियाल /
उप-तहसील कोटला के अंतर्गत पंचायत जांगल वार्ड नंबर पाँच के लोग इन दिनों बेहद परेशान हैं। पंचायत द्वारा शुरू किया गया सड़क निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिए जाने से ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। काम न तो सड़क के आरंभ से शुरू हुआ और न ही अंत से, बल्कि बीच में ही कुछ हिस्से पर कार्य अधूरा छोड़ दिया गया। इसका सबसे बड़ा खामियाज़ा बरसात में लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि अधूरी सड़क के कारण डिस्पेंसरी के पास तालाब जैसी स्थिति बन गई है। बरसाती पानी सड़कों पर भर जाता है, जिससे पैदल निकलना तो दूर, वाहनों की आवाजाही भी बेहद कठिन हो गई है। जगह-जगह जमा पानी और कीचड़ ने राहगीरों का निकलना दूभर कर दिया है।
स्वास्थ्य पर खतरा
गांव के लोग सबसे अधिक चिंतित स्वास्थ्य जोखिम को लेकर हैं। जलभराव की वजह से आसपास के घरों में मच्छरों का प्रकोप तेज़ी से बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। बच्चे और बुजुर्ग इस गंदगी से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय निवासी सूबेदार कुलवीर सिंह चौधरी ने बताया कि उनके घर के गेट के आगे तो पूरा तालाब बन गया है। "बरसाती पानी और गंदगी से रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित हो गई है। गेट के सामने पानी और कीचड़ से निकलना असंभव हो गया है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी बीमारियों की चपेट में आने का डर बना हुआ है।"
प्रशासन मौन, ग्रामीणों में रोष
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या की शिकायत पहले ही वीडियो नगरोटा सूरियां को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर शिकायतों के बावजूद विभाग क्यों चुप्पी साधे बैठा है? लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ग्रामीणों की गुहार
ग्रामीणों ने डीसी काँगड़ा व एसडीएम शाहपुर से इस मामले की तुरंत जांच करवा कर अधूरे कार्य को पूरा करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में इस रास्ते का निर्माण और भी जरूरी हो जाता है, ताकि पानी की निकासी हो सके और लोगों को राहत मिले।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
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