विकसित भारत 2047 का संकल्प लेकर 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का हुआ समापन
विकसित भारत 2047 का संकल्प लेकर 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन का हुआ समापन
देश विदेश के कई विद्वानों ने दिए गुर कि किस तरह भारत को विकसित बनाया जाए
समापन समारोह में उपायुक्त मुकेश रैप्सवाल मुख्यातिथि के रूप में रहे उपस्थित
चंबा : जितेन्द्र खन्ना /
राजकीय महाविद्यालय चम्बा में चल रहे राष्ट्रीय सम्मलेन का आज समापन हो गया ।इस समापन समारोह में चंबा के उपायुक्त मुकेश रैप्सवाल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकित की ।
इस दौरान अनेकों प्रवक्ताओं ने अपना अपना पक्ष रखा कि आखिर किस तरह भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सके।
आज के दिन अपने संबोधन में डॉ विजय नाग ने कहा है हमे अपना स्वदेशी उत्पादन बढ़ाना होगा ।हमे अपने वोकेशनल कोर्स पर बढ़ावा देना चाहिए। चाहे महिला हो या पुरुष दोनों को रोज़गार के क्षेत्र में बराबर अवसर मिलना चाहिए।
प्रोफेसर मनोज कुमार सिन्हा ने अपने वक्तव्य की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के एक विकसित भरता के वीडियो के साथ की ।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है कि हम आत्मनिर्भर बने ये तभी सफल होगा जब समाज के सभी लोग एक साथ आगे आयेगे।उन्होंने ये भी कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी उत्पाद ही उपयोग के लाने चाहिए
इसके पश्चात् की नोट स्पीकर डॉ सचिन कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि यदि भारत को विकसित करना है तो किसान महिला और युवाओं को एक साथ आगे आना होगा ।भारत को किसी और देश की तरह नहीं बनना है भारत को एक विकसित भरता बनाना है।
इस दौरान उपायुक्त चम्बा मुकेश रैप्सवाल ने अपने संबोधन में बताया कि हम अनेकों प्रोडक्ट अपनी दिनचर्या में उपयोग करते है जोकि बाहर के देशों से यहां तक आते है चाहे हम गाड़ी की बात करे चाहे फोन की बात करे और भी बहुत सी वस्तुएँ ऐसी हैं जिसे हम उपयोग में लाते है ।हमे उनका इस्तेमाल कम करना होगा और आत्मनिर्भर बनना होगा तभी हम विकसित भरता की कल्पना कर सकते है
प्राचार्य डॉ मदन गुलेरिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज दो दिन से चले हुए राष्ट्रीय सम्मलेन का सफलतापूर्वक समापन हुआ इस दौरान लगभग 10 से ज्यादा राज्यों से कई विद्वान और लगभग 250 से ज्यादा खोज पत्र के माध्यम से ये बताया कि किस तरह भारत देश को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है।


कोई टिप्पणी नहीं