गद्दी नेता मदन भरमौरी ने नूरपुर एसडीएम को दियाआज ज्ञापन जिलाधीश काँगड़ा के नाम
गद्दी नेता मदन भरमौरी ने नूरपुर एसडीएम को दियाआज ज्ञापन जिलाधीश काँगड़ा के नाम
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर अखिल भारतीय गद्दी जनजातीय विकास समिति के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व सदस्य गद्दी कल्याण बोर्ड व गद्दी नेता मदन भरमौरी ने आज उपमण्डलीय मजिस्ट्रेट (नागरिक) अरुण शर्मा नूरपुर को एक ज्ञापन जिलाधीश कांगड़ा के नाम पर जनजातीय भवन के लोकार्पण के विरोध के संबंध में सौफा l यह जानकारी देते हुए मदन भरमोरी ने आज ज्ञापन में बताया कि तथाकथित रूप से निर्मित जनजातीय भवन के लोकार्पण के विरोध के सन्दर्भ में स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह ने गद्दी समुदाय व जनजातीय समुदाय के लिए जनजातीय भवन नूरपुर के लिए मंजूर किया था l जिसके लिये जसूर में एक भूमि का चयन उस समय अढाई करोड रुपए की एक मुक्त राशि भी मंजूर की थी l सितंबर 2017 मे तत्कालीन सरकार द्वारा कैबिनेट वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने चयनित भूमि का जसूर में शिलान्यास भी किया थाl शिलान्यास से तीन दिन पहले 18 सितंबर 2017 सरकार को लोक निर्माण विभाग को पहली किस्त भी इसकी जारी कर दी गईं थीl जुलाई'2019 मे लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदार को इस प्रोजेक्ट का काम भी अवार्ड कर दिया गया था लेकिन ठेकेदार इस कार्य को शुरू करने के लिए विभाग को बार-बार लिखित में लगभग 9 बार निवेदन करता रहा l गद्दी नेता मदन भरमौरी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सखू व जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी से निवेदन किया है कि इस विषय पर कड़ा सज्ञान लिया जायेl जिस भूमि के लिये वीरभद्र सरकार में पर जनजातीय भवन मंजूर हुआ था और पैसा भी वीरभद्र सरकार ने मंजूर किया था l उन्होंने वताया कि सरकारी रिकॉर्ड में जनजातीय भवन जसूर के जांछ में बन रहा है l ऐसा रूप उन्होंने विभाग पर लगाया है l उन्होंने कहा कि तथा कथित रूप से निर्मित जनजातीय भवन के लोकार्पण की चर्चा समाज में प्रसारित है जिसके सम्बन्ध में हम अपना विरोध प्रकट कर रहे है l कथित रूप से निर्मित जनजातीय भवन के स्थानान्तरण सम्बन्धी आधिकारिक आदेश के वैध दस्ताबेज प्रशासन के रिकॉर्ड में नहीं हैं जब कि जनजातीय भवन के निर्माण हेतु प्रथमतया चयनित भूमि पर नूरपुर क्षेत्र क़स्बा जसूर (जाच्छ) के नाम से ही निर्माण राशि (बजट) केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार एवं जनजाति विकास विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत एवं प्रेषित की गई है और आज तक जो भी धन राशि गेही लगोड में खर्च हुई है वस्तुतः यह धनराशि सरकारी रिकोर्ड में जसूर (जाच्छ) के नाम से स्वीकृत है |


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