लाहौल के जुंडा गांव निवासी प्रेम सिंह वासु और बिमला देवी वासु की अदम्य इच्छाशक्ति ने मैराथन जगत में बनाई अनूठी पहचान। - Smachar

Header Ads

Breaking News

लाहौल के जुंडा गांव निवासी प्रेम सिंह वासु और बिमला देवी वासु की अदम्य इच्छाशक्ति ने मैराथन जगत में बनाई अनूठी पहचान।

 लाहौल के जुंडा गांव निवासी प्रेम सिंह वासु और बिमला देवी वासु की अदम्य इच्छाशक्ति ने मैराथन जगत में बनाई अनूठी पहचान।


लाहौल-स्पीति : विजय ठाकुर /

61 साल के प्रेम सिंह वासु ओर 57 वार्षिय बिमला देवी वासु हर मैराथन में हिस्सा लेकर स्थापित कर रहे हैं नया कीर्तिमान।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के शांत और छोटे से जुंडा गांव के मैराथन धावक दम्पत्ति ने कुछ सालों के अंदर हाल के अंदर देश के विभिन्न कोनों में आयोजित होने वाले मैराथनों में अपनी चमकदार उपस्थिति दर्ज करवाई है। जुड़ा गांव के 61 वर्षीय प्रेम सिंह वासु जोकि एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी है और धर्मपत्नी 57 वर्षीय बिमला देवी वासु जोकि एक हाउसवाइफ है ने न केवल अपनी उम्र को मात दी है बल्कि युवाओं के लिए अनुकरणीय मिसाल पेश की है। दोनों ने विभिन्न प्रतिष्ठित मैराथनों में अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, फिटनेस और संघर्षशीलता के दम पर ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जो यह साबित करते हैं कि जुनून और अनुशासन के आगे हर बाधा छोटी पड़ जाती है।


ऋषिकेश अल्ट्रा मैराथन में दमदार प्रदर्शन।

9 नवम्बर 2025 को विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन द्वारा ऋषिकेश में आयोजित हुई अल्ट्रा मैराथन में प्रेम सिंह वासु ने 50 किमी श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल कर युवाओं और बढ़ती उम्र का बहाना बनाने वालों के सामने एक मिसाल पेश किया है। दौड़ के दौरान उनकी गति, धैर्य और नियंत्रण को देखकर अनुभवी धावक भी आश्चर्यचकित रह गए। वहीं उनकी धर्मपत्नी बिमला देवी वासु भी अपने पति की तरह कई सालों से फिटनेस को लेकर एक सकारात्मक संदेश जनहित में प्रसारित करती रहती है और उन्होंने ने भी इस मैराथन में 10 किमी श्रेणी में शानदार दौड़ लगाते हुए अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर समस्त जिले का नाम रोशन किया है। दोनों ही दम्पत्ति ने हाल ही में हिमालयन एक्सट्रीम ट्रेल रनिंग सीरीज़ के तहत आयोजित ‘मनाली मैराथन 2025’ में इस दंपति ने ऐसी मिसाल कायम की, जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी। इस मैराथन दौड में भी प्रेम सिंह वासु ने 21 किमी की हाफ मैराथन मात्र 2 घंटे 22 मिनट में पूरी कर अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया ओर उन्हीं के नक्शे कदम में चलते हुए उनकी धर्म पत्नी बिमला देवी वासु ने भी 5 किमी दौड़ को मात्र 42 मिनट में पूरी कर महिला वर्ग में पहला स्थान अपने नाम कर मैराथन में जीत हासिल की थी। कठिन पहाड़ी रास्तों, कम तापमान और तेज हवाओं के बावजूद दोनों ने न केवल प्रतियोगिता पूरी की, बल्कि विजेता बनकर साबित किया कि उम्र केवल एक संख्या है। 


लद्धाख मैराथन में भी प्रेम सिंह वासु ने छोड़ी थी अपनी छाप।

14 सितंबर 2025 को लेह में आयोजित लद्दाख मैराथन जोकि दुनिया की सबसे कठिन मैराथनों में से एक मानी जाती है में भाग लेकर अपनी प्रतिभा और साहस का लोहा मनवाया था। समुद्रतल से लगभग 11,115 फीट की ऊंचाई ओर कठिन रास्तों पर ऑक्सीजन की कमी और तेज धूप के बीच दौड़ना किसी भी धावक के लिए बड़ी चुनौती होती है। लेकिन प्रेम सिंह ने 42.29 किमी की पूर्ण मैराथन 05:20:42 में पूरी करते हुए अपनी अटूट इच्छाशक्ति साबित की। दोनों ही दम्पति अब तक अपने अपने वर्ग में 50 से ऊपर मैराथन दौड़ चुके हैं जोकि अपने आप मे एक रिकॉर्ड है।


मैराथन को जीवन में अपना कर समाज को प्रेरित कर रहे लाहौल के ये दम्पति।

लाहौल के जुंडा गांव के ये दम्पति के आदर्श दम्पति होने के साथ साथ एक बेहतरीन मैराथन धावक भी हैं ये उन्होंने विभिन्न मैराथन दौड़ में भाग लेकर साबित कर दिया है। इन दोनों धावकों की उपलब्धियों से आज समस्त उम्रदराज लोग प्रेरित हो रहे हैं और साथ फिटनेस के प्रति जागरूक भी हो रहे हैं। फिटनेस के प्रति दोनों की दम्पति का संदेश साफ है:-

"फिटनेस को जीवन का हिस्सा बनाएं, खुद पर विश्वास रखें और उम्र के बहाने को पीछे छोड़ दें।" प्रेम सिंह वासु और बिमला देवी वासु की संयुक्त कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ निश्चय, कठोर अनुशासन और सकारात्मक सोच के सहारे इंसान हर उम्र में कामयाबी की नई उड़ान को भर सकता है।


प्रेम सिंह वासु का प्रेरणादायक संदेश:

आप वही हासिल कर सकते हैं, जिस पर आपका मन विश्वास करता है। मज़बूत रहिए… हर कदम आपको आपके सपनों के करीब ले जाता है। आप अपनी तकदीर के खुद वास्तुकार हैं।

कोई टिप्पणी नहीं