कॉलेज रिवालसर में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम एवं ऑनलाइन सर्वेक्षण आयोजित
कॉलेज रिवालसर में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम एवं ऑनलाइन सर्वेक्षण आयोजित
रिवालसर : अजय सूर्या /
राजकीय महाविद्यालय रिवालसर में आज छात्रों और शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने तथा आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम एवं लाइव ऑनलाइन सर्वेक्षण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कार्यबल (National Task Force – NTF) द्वारा संचालित छात्र मानसिक स्वास्थ्य एवं आत्महत्या रोकथाम पहल के अंतर्गत आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन कॉलेज के नोडल अधिकारी प्रो. यश पाल द्वारा किया गया तथा यह आयोजन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के. सी. कश्यप के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, तनाव प्रबंधन और भावनात्मक संतुलन के प्रति जागरूक करना था, ताकि शैक्षणिक वातावरण में सकारात्मकता और सहानुभूति को बढ़ावा दिया जा सके।
प्रो. यश पाल ने अपने संबोधन में कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही आवश्यक है। आज की प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए ऐसे सर्वेक्षण और पहलें अत्यंत आवश्यक हैं।” उन्होंने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय टास्क फोर्स सर्वे पोर्टल (https://ntf.education.gov.in/) पर ऑनलाइन सर्वेक्षण भरने के लिए प्रेरित किया और बताया कि उनके सुझाव एवं प्रतिक्रियाएं राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. के. सी. कश्यप ने अपने संदेश में कहा कि “विद्यार्थियों का मानसिक संतुलन और आत्मबल ही शिक्षा की वास्तविक शक्ति है। हमारा दायित्व है कि हम छात्रों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, ताकि वे आत्मविश्वास, संतुलन और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ सकें।”
इस अवसर पर कॉलेज के सभी सीएससीए पदाधिकारियों और विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और सर्वेक्षण पूरा किया। उपस्थित सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने आस-पास मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में सहयोग करेंगे और किसी भी संकटग्रस्त व्यक्ति की सहायता हेतु संवेदनशील रहेंगे।
यह कार्यक्रम न केवल एक सर्वेक्षण के रूप में बल्कि एक सामूहिक संवेदनशीलता अभियान के रूप में देखा गया, जिसने कॉलेज समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक संदेश दिया।


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