सरकार जवाब दे — करोड़ों खर्च के बाद भी अस्पताल बंद क्यों?”- राहुल शर्मा
सरकार जवाब दे — करोड़ों खर्च के बाद भी अस्पताल बंद क्यों?”- राहुल शर्मा
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता की लंबे समय से चली आ रही समस्या को लेकर आईडिया ऑफ़ भारत फाउंडेशन ने उपमंडल अधिकारी अरुण शर्मा नूरपुर के माध्यम से माननीय राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को आज एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में नूरपुर में निर्मित मातृ-शिशु अस्पताल को शीघ्र चालू करने की मांग की गई है।इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष राहुल शर्मा ने बताया कि नूरपुर में लगभग ₹10 करोड़ की लागत से निर्मित 50-बिस्तरों वाला मातृ-शिशु अस्पताल कई वर्षों से तैयार अवस्था में है, किंतु अब तक संचालन प्रारंभ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अस्पताल भवन पूर्ण हो चुका है, लेकिन बिजली, पानी, सीवरेज, उपकरणों की व्यवस्था और स्टाफ नियुक्तियों की कमी के कारण यह जनसेवा से वंचित है।राहुल शर्मा ने कहा कि इस अस्पताल के शुरू होने से नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, ज्वाली और भटियात क्षेत्रों की हजारों माताओं एवं नवजात शिशुओं को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। वर्तमान में प्रसव जैसी आपात स्थितियों में रोगियों को धर्मशाला या पठानकोट जैसे दूरस्थ अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे कई बार गंभीर परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं।संस्था ने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया है कि निर्माण पर करोड़ों रुपये व्यय होने के बावजूद मात्र ₹3.18 करोड़ की राशि संचालन सुविधा के लिए लंबित है। यदि सरकार तत्काल बजट स्वीकृत कर आवश्यक स्टाफ और उपकरण उपलब्ध कराए, तो यह अस्पताल प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करेगा।आईडिया ऑफ़ भारत फाउंडेशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि आगामी समय में मातृ-शिशु अस्पताल नूरपुर को चालू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनता सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी और एक उग्र जनआंदोलन शुरू किया जाएगा। संस्था ने स्पष्ट कहा है कि इस आंदोलन की समस्त जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।एस डी एम कार्यलय मे ज्ञापन सौंपने के दौरान संस्था के पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। संस्था ने कहा कि मातृ-शिशु अस्पताल नूरपुर को चालू कराना अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि जनजीवन से जुड़ा मानवीय मुद्दा बन चुका


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