चलती रही गोलियां पर आंतकी को ना छोड़ा, हिमाचली सपूत ने, मरणोपरांत मिला कीर्ती चक्र - Smachar

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चलती रही गोलियां पर आंतकी को ना छोड़ा, हिमाचली सपूत ने, मरणोपरांत मिला कीर्ती चक्र

चलती रही गोलियां पर आंतकी को ना छोड़ा, हिमाचली सपूत ने, मरणोपरांत मिला कीर्ती चक्र

गोली लगने से जख्मी हुए जवान ने आंतकी को तब तक ना छोड़ा जब तक आंतकी की मौत ना हुई, ऐसा था हिमाचली सपूत,बंगाणा के बलिदानी दिलवर खान को मरणोपरांत मिला कीर्ती चक्र

आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कारों की मंजूरी दी।

अगर हम दिलवर खान की उपलब्धि की तरफ नजर दौड़ाएं तो हमें यह ज्ञात होता है कि अगर खान चाहते तो वह आतंकी को छोड़ पहले अपनी जान बचाते, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोच्चता दी। 28 वर्षीय दिलवर खान ऊना जिले, बंगाणा उपमंडल के घरवासड़ा के रहने वाले थे।

 दिलवर 20 जनवरी, 2014 को 18 वर्ष की आयु में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। राष्ट्रीय राइफल्स की 28वीं बटालियन के नायक दिलवर खान 23 जुलाई, 2024 को नाका पार्टी के साथ तैनात थे। रात को उन्हें दो आतंकी दिखे। नाका पार्टी ने जैसे ही उन्हें ललकारा, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी

नायक दिलवर ने अपनी जान की परवाह किए बिना आगे बढ़कर एक आतंकी को पकड़ लिया और दोनों आपस में गुत्थमगुत्था हो गए। दूसरे आतंकी ने गोली चलाना जारी रखी और नायक दिलवर खान गोली लगने से जख्मी हो गए।इसके बावजूद उन्होंने अपनी गिरफ्त में आए आतंकी के नहीं छोड़ा बल्कि उसे मार गिराने के बाद ही अंतिम सांस ली। इस बीच, उनके अन्य साथियों ने दूसरे आतंकी को भी मार गिराया।

अपनी जान की परवाह न करने और सर्वोच्च स्तर की वीरता का प्रदर्शन करने के लिए नायक दिलवर खान को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) दिया गया है।

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