भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित मंडी—मनाली मार्ग बहाल, 1300 यात्रियों को सुरक्षित निकाला
भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित मंडी—मनाली मार्ग बहाल, 1300 यात्रियों को सुरक्षित निकाला
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा— युद्ध स्तर पर जारी है सड़क बहाली और राहत कार्य
मंडी
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेषकर मंडी जिला में बारिश ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। कई राष्ट्रीय और संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए थे, जिसके चलते हजारों यात्री फंस गए। हालांकि जिला प्रशासन के युद्धस्तरीय प्रयासों से सोमवार दोपहर बाद मंडी—मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया।
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने जानकारी दी कि मंडी—कुल्लू मार्ग पर औट, पनारसा, टकोली, थलौट सहित कई स्थानों पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के कारण सड़क बाधित हो गई थी। इस दौरान देश-विदेश से आए पर्यटकों समेत हजारों लोग फंस गए थे। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी लगाई और लगभग 1300 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
प्रशासन की चौकसी और राहत कार्य
उपायुक्त ने बताया कि जिला मुख्यालय से लगातार राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है।
एसडीएम बालीचौकी देवीराम को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भेजा गया, जिन्होंने मौके पर पहुँचकर राहत कार्यों का जायजा लिया और संबंधित विभागों से लगातार समन्वय बनाए रखा।
सड़क बहाली के लिए पर्याप्त संख्या में मशीनरी और मजदूर तैनात किए गए हैं। संवेदनशील स्थलों पर जेसीबी, डोज़र और पोकलैंड मशीनें लगातार काम कर रही हैं।
द्रंग विधानसभा क्षेत्र के कटौला से आगे बथेरी में भी भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की घटनाओं के बाद सड़क और पैदल पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण विकास अभिकरण मिलकर बहाली के लिए कार्य कर रहे हैं।
स्कूल बंद और प्रभावित परिवारों को राहत
बथेरी क्षेत्र में तीन प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन की ओर से राशन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध करवाई गई हैं। वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथेरी और प्राथमिक विद्यालय सनवाड़ को आगामी आदेशों तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
अन्य मार्गों की स्थिति
मंडी—पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-154) को भी बहाल कर दिया गया है।
द्रंग से घटासनी तक सड़क पर कई संवेदनशील स्थल हैं, जहां मशीनरी और मजदूर तैनात हैं।
कोटरोपी क्षेत्र में भूस्खलन की पूर्व चेतावनी देने के लिए सेंसर लगाए गए हैं। यहां गृह रक्षक जवान भी निगरानी में तैनात हैं।
कई जगह पेड़ गिरने की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिन्हें अग्निशमन और लोक निर्माण विभाग मिलकर हटाने का कार्य कर रहे हैं।
उपायुक्त की अपील
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए सभी विभाग दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने आम जनता और पर्यटकों से अपील की—
यात्रा पर निकलने से पहले मौसम और सड़क की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
नदी-नालों से दूर रहें ताकि अचानक जलस्तर बढ़ने की स्थिति में किसी भी प्रकार की हानि से बचा जा सके।
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