लाहौल फेस्टिवल में पारंपरिक तीरंदाजी रहा लोगों के आकर्षण का केंद्र
लाहौल फेस्टिवल में पारंपरिक तीरंदाजी रहा लोगों के आकर्षण का केंद्र
इको टूरिज्म सोसाइटी बनी चैंपियन
केलांग : ओम बौद्ध /
फेस्टिवल 2025 के दौरान आयोजित पारंपरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता ने स्थानीय खेल परंपरा को एक बार फिर जीवंत कर दिया। 40 मीटर की दूरी पर रखे गए लक्ष्य पर पारंपरिक धनुष-बाण से निशाना लगाने की इस प्रतियोगिता में 11 टीमों ने हिस्सा लिया। हर टीम में चार प्रतिभागी शामिल थे। प्रतियोगिता को देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
प्रतियोगिता का आयोजन लाहौल की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और युवाओं को पारंपरिक खेलों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया। आयोजकों ने विजेता टीम और व्यक्तिगत विजेताओं को ट्रॉफी और नगद पुरस्कार से सम्मानित किया।
टीम स्पर्धा में लाहौल स्पीति इको टूरिज्म सोसाइटी की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 72 अंक के साथ पहला स्थान हासिल किया। खंगसर की टीम 55 अंक लेकर दूसरे और जिस्पा की टीम 39 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही। अन्य प्रतिभागी टीमें गेमूर, तिनों, मेह, रंगरीक, केलद, कोलांग, क्वारिंग और दारचा रहीं।
व्यक्तिगत वर्ग में एक बार फिर चमके मंगल चंद व्यक्तिगत स्पर्धा में मंगल चंद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार पांचवें साल पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 36 अंक जुटाकर अपनी निरंतरता और सटीकता का प्रमाण दिया। दूसरे स्थान पर सोनम टशी रहे, जिन्होंने 28 अंक प्राप्त किए, जबकि तंजिन उर्फ बीरू ने 25 अंक के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
प्रत्येक तीरंदाज ने 40 मीटर की दूरी पर बीस तीर चलाकर अपने लक्ष्य भेदने के कौशल का प्रदर्शन किया। पारंपरिक धनुष-बाण के माध्यम से हुई इस प्रतियोगिता ने दर्शकों को प्राचीन लाहौली खेल संस्कृति की झलक दी।
लाहौल इको टूरिज्म सोसाइटी के अध्यक्ष कलजंग टशी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल हमारी सांस्कृतिक परंपराएं जीवित रहती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जुड़ने का अवसर मिलता है। भविष्य में इस प्रतियोगिता को और भी व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
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