राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी लॉटरी प्रथा पर हिमाचल की जनता को खुलेआम गुमराह कर रहे हैं : गोविंद ठाकुर - Smachar

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राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी लॉटरी प्रथा पर हिमाचल की जनता को खुलेआम गुमराह कर रहे हैं : गोविंद ठाकुर

 राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी लॉटरी प्रथा पर हिमाचल की जनता को खुलेआम गुमराह कर रहे हैं : गोविंद ठाकुर 

केंद्र सरकार पर झूठा ठीकरा फोड़कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। 


कुल्लू : ओम बौद्ध /

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के व्यान पर पलटबार करते हुए कहा कि वह लॉटरी प्रथा पर हिमाचल की जनता को खुलेआम गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जगत सिंह नेगी एक ओर दावा करते हैं कि सरकार ने अभी तक लॉटरी शुरू करने को लेकर अधिसूचना जारी नहीं है , परंतु वहीं दूसरी ओर यह भी दावा कर देते हैं कि यह लॉटरी पूरी तरह ऑनलाइन होगी और दुकानों में ऑफलाइन नहीं बिकेगी। ठाकुर ने सवाल किया की जब अधिसूचना ही जारी नहीं हुई, तो उनको यह कैसे पता कि यह ऑनलाइन होगी और दुकानों में ऑफलाइन नही बिकेगी। यह उनकी दोहरी मानसिकता और जनता को गुमराह करने की साजिश को उजागर करता है।"

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को यह तक जानकारी नहीं है कि वर्तमान समय में देश के कितने केंद्र शासित प्रदेशों में लॉटरी व्यवस्था वास्तव में संचालित हो रही है। इसके बावजूद वह बार-बार केंद्र सरकार पर झूठा ठीकरा फोड़कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जगत सिंह नेगी की हिमाचल की जनता के प्रति नकारात्मक सोच साफ झलकती है। 

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि लॉटरी की बीमारी की जननी कांग्रेस है। जिन राज्यों में लॉटरी का प्रचलन शुरू हुआ, वहां कांग्रेस ने ही इसे पाला-पोसा और जनता की मेहनत की कमाई को जुए की भट्ठी में झोंक दिया।उन्होंने आरोप लगाया कि नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मेघालय, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कांग्रेस की ही सरकारों ने इस विनाशकारी प्रथा को शुरू किया और फैलाया।

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि 1996 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिंगल डिजिट लॉटरी पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया था, जिसे सरकार द्वारा दरकिनार करना न्यायपालिका का सीधा अपमान है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस सरकार को न तो न्यायालय का सम्मान है, न जनता की चिंता। ठाकुर ने याद दिलाया कि 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सरकार ने भी लॉटरी शुरू की थी परंतु बाद में इसे एक सामाजिक अभिशाप मानते हुए बंद किया था लेकिन आज सुक्खू सरकार ने प्रदेश को फिर उसी दलदल में धकेलने की ठान ली है, जिसने कभी हजारों घर बर्बाद किए, लोगों को कर्ज में डुबोया और आत्महत्या तक करने पर मजबूर किया।  

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा इस जनविरोधी और विनाशकारी नीति का सख्ती से विरोध करेगी और कांग्रेस सरकार को हिमाचल की जनता के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने देगी।

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