प्रदेश की 17 संस्थाएँ एकजुट होकर ‘संजीवनी’ संस्था के माध्यम से नशामुक्त हिमाचल का संकल्प लेकर आगे बढ़ीं।”
प्रदेश की 17 संस्थाएँ एकजुट होकर ‘संजीवनी’ संस्था के माध्यम से नशामुक्त हिमाचल का संकल्प लेकर आगे बढ़ीं।”
नूरपुर : विनय महाजन /
हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच चिट्टे और अन्य नशों का बढ़ता प्रकोप समाज के लिए गहरी चिंता का विषय बन गया है।ऐसे माहौल में समाज के विभिन्न वर्गों को साथ लेकर एक नई और सशक्त पहल की गई है। इसी दिशा में आज “संजीवनी” नामक संस्था का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश को नशे के अभिशाप से मुक्त करना है। इस संस्था के बैनर तले अब प्रदेश की 17 एनजीओ ने एकजुट होकर नशे के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह एकजुटता इस बात का प्रमाण है कि समाज अब इस समस्या से निर्णायक लड़ाई लड़ने को तैयार हैl इसे जन-जन तक पहुँचाकर एक बड़े जनांदोलन का स्वरूप दिया जाएगा। संस्था का मुख्य लक्ष्य है युवाओं को नशे की चपेट से बचाना, जो पहले ही चिट्टे जैसी घातक लत में फँस चुके हैं, उन्हें पुनर्वास के मार्ग पर लाना और समाज में जागरूकता फैलाकर नशे की जड़ों को समाप्त करना।संस्था ने अपने प्रथम चरण के अभियान की घोषणा करते हुए कहा है कि 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक प्रदेश भर में नशा विरोधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान पाँच हजार से अधिक पंचायत जनप्रतिनिधियों, महिला और युवक मंडलों को इस मुहिम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। गाँव-गाँव और शहर-शहर जाकर नुक्कड़ नाटक, जनसंवाद, संगोष्ठियाँ, मीडिया वार्ता और जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगेl राहुल शर्मा को प्रदेश महामंत्री (संगठन) नियुक्त किया गया है, जबकि मुनीश शर्मा को प्रदेश सह सचिव की जिम्मेदारी दी गई है l ये टीमें गाँव-गाँव जाकर नशे के खिलाफ जनजागरूकता फैलाएँगी और युवाओं को पुनर्वास की दिशा में सहायता प्रदान करेंगी। साथ ही नशामुक्ति केंद्रों से तालमेल स्थापित किया जाएगाl संस्था ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें नशामुक्ति के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर चर्चा होगी और ठोस सुझाव सामने लाए जाएँगे।


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