नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना
नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना होती है। इस दिन, साधना, तपस्या और भक्ति के प्रतीक के रूप में माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो शक्ति, संयम और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हैं.
पूजा और महत्व
माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप: ये सफेद साड़ी में, दाएं हाथ में जप माला और बाएं में कमंडल लिए हुए दर्शाई जाती हैं.
इनकी पूजा से साधकों को संयम, बुद्धि, तप और आत्मबल की प्राप्ति होती है.
पंचांग के अनुसार, माँ ब्रह्मचारिणी का संबंध मंगल ग्रह से माना जाता है, जिससे ऊर्जा, साहस और सफलता मिलती है.
पूजा विधि
सुबह स्नान करके साफ़ लाल रंग के वस्त्र धारण करें.
पूजा स्थान पर माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति/चित्र स्थापित करें और लाल फूल, धूप, दीप, और दूध से बनी मिठाइयाँ जैसे खीर, पेड़ा आदि अर्पित करें.
“ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नम:” मंत्र का जाप करें.
पूजा का समापन आरती से करें।
इस दिन का रंग व भोग
लाल रंग: नवरात्रि के दूसरे दिन का शुभ रंग “लाल” होता है, जो ऊर्जा, प्रेम और शक्ति का प्रतीक माना जाता है.
भोग: देवी को चीनी, खीर व फल अर्पित करना शुभ माना जाता है, जो दीर्घायु और सौभाग्य के लिए होता है.
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