सैकड़ों लोगों की मौत और तीन साल की नाकामी के बाद किस बात का जश्न मनाएगी सरकार : जयराम ठाकुर
सैकड़ों लोगों की मौत और तीन साल की नाकामी के बाद किस बात का जश्न मनाएगी सरकार : जयराम ठाकुर
सरकार में जरा सी लज्जा बची होगी तो जश्न के बजाय आपदा राहत पर ध्यान देगी सरकार
शिमला : गायत्री गर्ग /
नरेंद्र मोदी का कहा पत्थर की लकीर, एक एक पाई हिमाचल को मिलेगी
बिहार में नरेंद्र मोदी की नीतियों और एनडीए के सुशासन की जीत हुई है
सत्र लंबा करने पर नहीं प्रभावी बनाने की बात करे सरकार
सरकार की कार्यप्रणाली से साफ झलक रहा है पंचायत चुनाव पर उनकी मंशा क्या है
विधान सभा कार्यालय शिमला में मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए नेता पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा की वजह से प्रदेश में लगभग पांच सौ लोगों की जान गई है और हजारों लोग बेघर हुए हैं। हजारों बीघा फसल और हजारों पशुओं की मौत भी इस आपदा की वजह से हुई है। हर पीड़ित तक सरकार अभी राहत नहीं पहुंचा पाई है। इसके अलावा सुख की सरकार के 3 साल का कार्यकाल भी नाकामी और निराशा से भरा रहा है। इसके बाद भी सरकार अपने तीन साल के पूरे होने का जश्न मनाने जा रही है। इसी के साथ कांग्रेस के नेताओं द्वारा कहा जा रहा है कि इस जश्न में दिल्ली से भी बड़े नेता आ सकते हैं। यदि कांग्रेस के नेताओं में जरा सी भी लज्जा बची है तो उन्हें इस कार्यक्रम को रद्द करके आपदा प्रभावितों को सही मायने में राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल की आपदा में हर बार केंद्र का अद्वितीय सहयोग रहा है। 2023 की आपदा में सेना के हेलीकॉप्टर से आपदा स्थल तक जेसीबी मशीन पहुंचाई गयी। आपदा प्रभावितों तक राशन पहुंचाने से लेकर उन्हें रेस्क्यू करने तक सेना, एनडीआरएफ, सेंट्रल फोर्सेज, वायु सेना की अहम भूमिका रही। 2023 से अब तक आपदा रात के नाम पर 5500 करोड रुपए से ज्यादा की धनराशि दी गई है। इसके अलावे एनडीआरएफ और एनडीएमएफ के तहत लगभग 225 करोड़ केंद्र द्वारा इस वर्ष हिमाचल को एडवांस में दिए गए हैं। इसके बाद भी आपदा प्रभावितों को सरकार 400 करोड रुपए की धनराशि भी नहीं दे पाई है। जबकि सुक्खू सरकार ने स्पेशल पैकेज 4500 करोड़ रुपए का घोषित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड़ रुपए देने की बात कही है तो वह पत्थर की लकीर है। उस घोषणा की एक-एक पाई हिमाचल प्रदेश को मिलेगी। हिमाचल में पहली बार आपदा का दौरा करने प्रधानमंत्री आए। नरेंद्र मोदी की गारंटी पर पूरा देश भरोसा करता है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए आपदा राहत के 5500 करोड रुपए का हिसाब भी तो दें?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस को अपनी हार का अंदाजा पहले से ही था इसलिए उन्होंने वोट चोरी का माहौल बनाने का प्रयास किया। कांग्रेस के नेता एनडीए सरकार की एंटी इनकंबेंसी के भरोसे जीतना चाहते थे लेकिन वह भूल रहे हैं कि नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति में प्रो इनकंबेंसी का नया दौर शुरू किया है। बिहार में एनडीए गठबंधन की प्रचंड जीत नरेंद्र मोदी की नीतियों और नेतृत्व तथा एनडीए गठबंधन की सरकार के सुशासन पर सबसे पुराने लोकतंत्र की धरती ने मुहर लगाई है और कांग्रेस को इतनी एक बोलेरो भर की सीटों में ही बुक कर दिया है। हिमाचल में भी कांग्रेस का यही हाल होगा। क्योंकि झूठी गारंटियों के दिन अब लद चुके हैं।
सत्र लंबा करने पर नहीं प्रभावी बनाने की बात करे सरकार
मीडिया के सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री हर बार ही सत्र के लंबा होने की बात करते हैं लेकिन अहम सवाल है कि वह सत्र के दौरान कितने गंभीर दिखते हैं? सत्र में विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का न मुख्यमंत्री गंभीरता से जवाब देते हैं और नहीं उनका संज्ञान लेते हैं। विधानसभा के अंदर भी मुख्यमंत्री द्वारा झूठ बोलने का नया रिकॉर्ड बनाया गया है। जब विपक्ष के दबाव में मानसून सत्र में आपदा पर बहस हो रही थी तो मुख्यमंत्री स्वयं गायब थे और बिहार में राजनीतिक यात्रा निकाल रहे थे। विधानसभा में माननीय सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी उनसे नहीं दिया जाता है। जिन सवालों के जवाब आरटीआई द्वारा माननीय विधायक हासिल कर लेते हैं उन सवालों के जवाब पर भी सरकार सदन को गुमराह करती है। जवाब होने के बाद भी जवाब नहीं देती है। इसलिए मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र को लंबा और ऐतिहासिक बनाने की बजाय प्रभावी बनाने की दिशा में काम करें। सदन में विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दें और उनकी चिताओं का समाधान करें।
शिमला मस्जिद पर बोले सरकार कानून का पालन करें
पत्रकारों द्वारा संजौली मस्जिद विवाद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को न सिर्फ जन भावनाओं बल्कि कानून का भी सम्मान करना चाहिए। जब कोर्ट ने मस्जिद को अवैध बताया है तो सरकार को विधि सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार की कार्यप्रणाली से साफ झलक रहा है पंचायत चुनाव पर उसकी मंशा क्या है?
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार आपदा के नाम पर पंचायत चुनाव टालने की हर कोशिश कर चुकी है। अभी भी सरकार का रवैया और मुख्यमंत्री का वक्तव्य इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि वह पंचायत चुनाव के पक्ष में नहीं है। मुमकिन है कि मुख्यमंत्री आगे भी पंचायत चुनाव में अड़ंगा डालने की हर संभव कोशिश करें। इस मौके पर उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता विपिन परमार, सतपाल सिंह सत्ती, बिक्रम ठाकुर, राकेश जमवाल, सुरेंद्र शौरी, इंदर सिंह गांधी, दलीप ठाकुर उपस्थित रहे।


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