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तीन साल का जश्न नहीं, सरकार को करना चाहिए आत्मचिंतन: युवाओं के वादे अधूरे”- रोहित भारद्वाज

 तीन साल का जश्न नहीं, सरकार को करना चाहिए आत्मचिंतन: युवाओं के वादे अधूरे”- रोहित भारद्वाज 

भाजपा युवा मोर्चा हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष रोहित भारद्वाज ने कहा


जश्न से पहले हिसाब दे सरकार: आत्मचिंतन का समय, उत्सव का नहीं”

पिछले तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश की सुखु सरकार पर युवाओं के साथ वादों के अनुरूप व्यवहार न करने के आरोप लगातार बढ़ते रहे हैं। सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को हर साल एक लाख रोजगार देने का जो बड़ा वादा किया था, वह ज़मीन पर कहीं दिखाई नहीं देता। आरोप है कि तीन साल में एक लाख तो दूर, 30 हज़ार नौकरियां भी युवाओं को उपलब्ध नहीं करवाई गईं। इससे नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं में गहरा असंतोष है।


रोहित ने कहा भर्तियों में देरी और पारदर्शिता पर सवाल

कई विभागों में भर्तियाँ लंबे समय से लंबित पड़ी हैं। लिखित परीक्षाएँ, परिणाम तथा नियुक्ति प्रक्रियाएँ अक्सर विलंब से चल रही हैं। इससे युवाओं में यह धारणा बनी कि सरकार रोजगार निर्माण को लेकर गंभीर नहीं है। कुछ भर्ती बोर्डों और विभागीय परीक्षाओं पर पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठे, जिससे विश्वास और कमजोर हुआ।


चुनावी गारंटी पूरी न होने की नाराज़गी

सरकार ने युवाओं के साथ-साथ आम जनता के लिए भी कई वादे किए थे—जैसे 1500 रुपये प्रतिमाह महिलाओं के लिए, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, स्वरोजगार को प्रोत्साहन, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करना आदि। परंतु कथित रूप से इनमें से कई गारंटियाँ समय पर पूरी न होने से जनता में असंतोष बढ़ा है। रोहित ने कहा युवाओं का मानना है कि सरकार की प्राथमिकताओं में उनका हित लगातार पीछे रहा।


जश्न बनाम आत्मचिंतन का सवाल

सरकार अपने तीन वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने मंडी जा रही है, जिसे विरोधी और असंतुष्ट युवा “दुर्भाग्यपूर्ण” बता रहे हैं। उनका कहना है कि उत्सव मनाने से अधिक ज़रूरी है कि सरकार पिछले तीन वर्षों का आत्मचिंतन करे और स्वीकार करे कि वह जनता—खासकर युवाओं—के विश्वास पर खरा उतरने में विफल रही है।

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