मनाली के अंतरराष्ट्रीय रौरिक मैमोरियल ट्रस्ट नग्गर में छतीसगढ़ की कलाकार मीनाक्षी वर्मा की कला प्रदर्शनी व कार्यशाला का आयोजन
मनाली के अंतरराष्ट्रीय रौरिक मैमोरियल ट्रस्ट नग्गर में छतीसगढ़ की कलाकार मीनाक्षी वर्मा की कला प्रदर्शनी व कार्यशाला का आयोजन
मनाली : ओम बौद्ध /
अंतरराष्ट्रीय रौरिक मैमोरियल ट्रस्ट नग्गर जिला कुल्लू में छतीसगढ़ की कलाकार मीनाक्षी वर्मा की कला प्रदर्शनी व कार्यशाला का आयोजन क्यूरेटर प्रकाश जाधव और ऑरगेनाइजर सक्षम जाधव की देख रेख में हुआ। इस प्रदर्शनी को हिमाचल के सभी कलाकरों ने सफल बनाया। कुल्लू के नग्गर में स्थित रौरिक आर्ट गैलरी में महान चित्रकार निकोलस रौरिक की कर्मभूमि में छतीसगढ़ की कलाकार मीनाक्षी वर्मा की मैक्रेन आर्ट की कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। मीनाक्षी वर्मा पेशे से मूर्तिकार और चित्रकार है। मैक्रेन आर्ट एक प्रकार की रस्सी है। जिसका उपयोग प्राचीन समय से शुरू हुआ था। इस कार्य को करने से आनन्द की अनुभूति होती है। इस कार्यशाला में कई प्रकार की रचनात्मक गतिविधियां बताई और सिखाई गई जिनसे मानसिक और भावनात्मक रूप से तनाव को कम करने में मदद मिलती है। और इसमें कई प्रकार की गांठें बनती हैं। जो तनाव और चिंता को मुक्त करने का कार्य करती है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक भी है। व्यवसाय के रूप में इस कार्य को घर की महिलाएं कई तरह से उपयोग में ला सकती हैं। जैसे चूड़ी, चाबी, रिंग, झूला मिरर, इत्यादि बनाने में इसका उपयोग होता है। इसके साथ ही कलाकार के लिए यह एक नया अवसर भी है। हमारा इस तरह की कार्यशाला का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य है कि यह समाज में लोगों को जोड़ने का कार्य कराती है एवं यह कला प्रकृति से खुद को जोड़ने का कार्य भी करती है। साथ ही एक स्वस्थ जीवन को जीने में सहायता प्रदान करती है। कलाकार मीनाक्षी वर्मा ने प्रकाश जाधव व सक्षम जाधव का उन्हें रौरिक आर्ट गैलरी में इस तरह की कार्यशाला करवाने के लिए धन्यवाद किया है और कहा कि वह केवल इनकी वजह से ही छतीसगढ़ से निकोलस रौरिक की कर्मस्थली नग्गर में आ पाई है और साथ ही रौरिक आर्ट गैलरी के प्रबन्धन वर्ग का भी उन्हें प्रदर्शनी ओर कार्यशाला के आयोजन में सहयोग देने और समय देने के लिए धन्यवाद किया है।


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