शान्ता कुमार के विरुद्ध कुछ लिखने या बोलने से पहले विरोधी दल के नेता भी सो बार सोचते हैं :- प्रवीन कुमार - Smachar

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शान्ता कुमार के विरुद्ध कुछ लिखने या बोलने से पहले विरोधी दल के नेता भी सो बार सोचते हैं :- प्रवीन कुमार

 शान्ता कुमार  के विरुद्ध कुछ लिखने या बोलने से पहले विरोधी दल के नेता भी सो बार सोचते हैं :- प्रवीन कुमार  


हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के निर्माता , प्रदेश के दो बार मुख्यमन्त्री रहे एवं पूर्व केन्द्रीय मन्त्री  शान्ता कुमार जी द्वारा पार्टी के एक कार्यक्रम में दिये गये भाषण को जिस ढंग से तोड़ मरोड़ कर प्रिंट मीडिया , इलैक्ट्रॉनिक मीडिया व सोशल मीडिया में पेश किया गया वह सच्चाई सो कोसों दूर है। इस ब्यान के एवज में सोशल मीडिया में इतने बड़े दिग्गज नेता के विरुद्ध जो कुछ लिखा गया एवं पढने को मिला बेहद निन्दनीय एवं पीड़ा दायक है। इस प्रकार के बेहूदा अनाप शनाप बकवास के विरुद्ध अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने "भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नायक पूर्व प्रधानमन्त्री परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी" जी के उस कथन को स्मरण करवाते हुए कहा " मेरी एक बात गांठ बांध लेना , हमारा एक भी पुराना कार्यकर्ता टूटना नहीं चाहिए , नये चाहे दस टूट जाए , कयोंकि पुराना कार्यकर्ता हमारी जीत की गांरटी है , नये कार्यकर्ता पर विश्वास करना जल्दबाजी है"। ऐसे में नये कार्यकर्ता क्या जाने कि शान्ता कुमार क्या हस्ती है। इस तरह की निम्न से निम्न व घटिया से घटिया शब्दावली की टिप्पणियों से आहत पूर्व विधायक ने कहा वैसे तो किसी को भी अभिव्यक्ति की आजादी के विरुद्ध इस तरह की अभद्र भाषा लिखने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इस नई पोध अर्थात पीढ़ी को हिमाचल भारतीय जनता पार्टी के इतिहास ओर विकास से अवगत करवाते हुए पूर्व विधायक ने कहा जो श्री शान्ता कुमार जी ने किया है, न 
भूतो न भविष्यति । उस वक्त न तो मोदी जी का जलवा था न सोशल मीडिया । परिणामस्वरूप आज जहाँ हिमाचल की माताएँ , बहने  शान्ता कुमार  को इन्द्र देवता के नाम से पानी वाले मुख्यमन्त्री तो वहीं भारतवर्ष की गरीब जनता इन्हें अन्न देवता अर्थात अन्तोदय पुरुष के नाम से पुकारती व पूजती है। यह वही शान्ता कुमार है जिन्होने नो बर्क , नो पे जैसे सख्त कानून लागू करके भारतवर्ष के तमाम मुख्यमन्त्रियों को एक नयी दिशा दी कि काम नहीं तो तनख्वाह काहे की । यही नहीं भारतीय राजनीति में बार्ड पंच से लेकर पार्लियामेंट तक एक आदर्श पुरुष की अनूठी पहचान बनाकर कई छात्रों ने इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के ऊपर पी एच डी तक की है। अन्ततोगत्वा पूर्व विधायक ने कहा है ऐसे में जिन्होंने  शान्ता कुमार  के विरुद्ध जो जो बकवास लिखा है।  शान्ता कुमार  द्वारा " निज पथ का अविचल पंथी " पुस्तक में लिखी गई जीवन गाथा को जरुर पढें व उपरोक्त भाषण के सार का वास्तविक अध्यन करें ।

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