जिला कांगड़ा के नूरपुर क्षेत्र में भीख मांगते बच्चों व महिलाओं की तदाद मे रोजना वृद्धि होने से क्षेत्रवासी परेशान
जिला कांगड़ा के नूरपुर क्षेत्र में भीख मांगते बच्चों व महिलाओं की तदाद मे रोजना वृद्धि होने से क्षेत्रवासी परेशान
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर प्रदेश के कांगड़ा जिला के नूरपुर व जसूर कस्बे में भीख मांगते बच्चों की बढ़ती संख्या अब कानून-व्यवस्था के लिए सिरदर्द बन गई है।अधिकांश यह भीख मांगने वाले है गैर हिमाचली जो खड्डो के किनारे काफी समय से रह रहे हैं
जिनका व्यवसाय सिर्फ भीख मांगकर रोजी-रोटी कामना है l इन महिलाओं के साथ यह बच्चे भी अक्सर बस स्टैंड के पास जसूर व नूरपुर क्षेत्र में भीख मांगते हुए स्पष्ट रूप से देखने को मिल जाते हैंl पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर विभाग की कार्रवाई के बावजूद थोड़े दिन अंकुश लगता है उसके बाद फिर प्रथा शुरू हो जाती हैl यह लोग अक्सर बाजारों की दुकानों और सड़कों पर दर्जनों छोटे-छोटे बच्चे हाथ फैलाए रोजाना स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं हैं। क्षेत्र में दुकानदारों का कहना है कि यह "भीख मांगने वाले दिन भर देना अपने संख्या में वृद्धि कर रहे हैं दिन में छोटे-छोटे बच्चे जो नाबालिक अवस्था में होते हैं उनको भी देखा जाता हैl ऐसे बच्चे बसों में भगवान के भजन डफली बजा कर भी गाते हुए रोजगार का साधन अपनाये हुए हैं lकुछ दिन पहले क्षेत्र के बाजार में एक महिला से इन बच्चों ने छीनाझपटी कर उसका बैग छीनने की कोशिश की थी। हालांकि दुकानदारों की सजगता से महिला का बैग बच गया, लेकिन इस घटना ने कस्बे में दहशत फैला दी। स्थानीय लोग बताते हैं कि ये बच्चे तेज रफ्तार गाड़ियों के बीच दौड़कर भीख मांगते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस मामले में कुछ समाजिक सेवक संस्थाएं व स्थानीय क्षेत्र वासियों का कहना है कि हर रोज बच्चे दुकान के बाहर खड़े होकर ग्राहकों से पैसे मांगते हैं। मना करने पर बदतमीजी भी कर देते हैं। इससे कारोबार प्रभावित हो रहा है और लोग डरकर खरीदारी करने से कतराने लगे हैं। इस मामले में कुछ बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि ऐसे बच्चे यहां झुग्गी-झोपड़ियों से आते हैं। उनके माता-पिता खुद सड़क किनारे बैठे रहते हैं और बच्चों को बाजार में भेज देते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि वोट की राजनीति के कारण इनको पूरी तरह से आशीर्वाद प्राप्त होता हैl इस मामले में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि भी जिनको इस मामले में पता है उन्होंने भी कभी ऐसे लोगों को समझने का प्रयास नहीं कियाl सिर्फ चाइल्ड हेल्पलाइन को टेलीफोन करके अपने को राहत महसूस करते है l वही इस मामले मे उप मंडलीय मजिस्ट्रेट अरुण शर्मा नूरपुर का कहना है कि यह जिम्मेदारी पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित हैl अरुण शर्मा ने कहा कि यह गंभीर मामला है वह प्रशासन शीघ्र इस पर कार्रवाई करेगा। इस मामले में प्रशासन चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद लेगा वही इस मामले मे जिला पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न नूरपुर का कहना है कि पुलिस द्वारा समय-समय पर इस मामले में चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद ली गई है लेकिन इसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी पंचायती राज संस्थाओ से जुड़े लोगों की भी है अगर कोई अनजान व्यक्ति क्षेत्र में घूमता हुआ दिखाई दे इसकी सूचना नजदीकी थाने में दें अगर वह कोई दस्तावेज नहीं दिखा सकता l क्षेत्र में ऐसे नाबालिक बच्चे हैं और महिलाएं भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं उनका आधार कार्ड या परिचय पत्र की खुद चेकिंग करें उसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दे l नाबालिक बच्चों से भीख मंगवाना एक अपराध हैl भीख मांगने और क्षेत्र में छीनाझपटी की घटनाओं पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। यह मामला चाइल्ड हेल्पलाइन को भेजा गया है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही किया जायेगा इस मामले में जनता का सहयोग बहुत जरूरी है l



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