जिला कांगड़ा एसपी अशोक रतन ने देर रात लगभग 2.30 बजे दिया कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण - Smachar

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जिला कांगड़ा एसपी अशोक रतन ने देर रात लगभग 2.30 बजे दिया कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण

 जिला कांगड़ा एसपी अशोक रतन ने देर रात लगभग 2.30 बजे दिया कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण 


बीती रात लगभग 2 बजे मुझे मैक्लॉडगंज से एक पिता का फोन आता है, जिसमें उनके द्वारा मुझे जानकारी दी जाती है कि मैकलोडगंज में जोगीवाड़ा रोड़ पर एक निजी होटल में late night party की जा रही है, जिसमें कुछ भारतीय और कुछ तिब्बतन मूल के लगभग 50 से 60 युवक युवतियां शामिल हैं । उस पिता ने हमें ये भी बताया कि उसका बेटा भी उस पार्टी में शामिल है जिसे ढूंढते हुए रात के लगभग 2 बजे वह वहां अपने एक रिश्तेदार के साथ पहुंचे हैं । हालांकि वह पिता भी मैकलोडगंज में जॉब करते हैं और पिछले दो तीन दिन से उनका बेटा उन्हें झूठ बोलकर इधर उधर जा रहा था । जिसे बीती रात वह किसी से जानकारी मिलने पर अपने एक रिश्तेदार के साथ वहां उसे ढूंढने निकले थे । जैसे ही वह पिता उस निजी होटल पर पहुंचे तो अंदर का नजारा देख वह दंग रह गए क्योंकि अंदर सभी युवक युवतियां नशा कर रहे थे जिसमें उनका बेटा भी शामिल था । वहां मौजूद कुछ युवकों ने उनसे वहां आने का कारण पूछा तो उन्होंने उन्हें बताया कि वह अपने बेटे को ढूंढते हुए वहां पहुंचे हैं । लेकिन पिता को देखते ही बेटा वहां से भाग निकला, उतने में युवक उन पर हावी होने लगे जिसके बाद वह बच बचा कर वहां से भागे । उस पिता ने हमें रात को लगभग 2.15 बजे फोन किया और उस मौके की पूरी जानकारी दी । उन्होंने उस मौके पर हमसे मदद मांगी और बताया कि उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना दी है । जिसके बाद मैने भी रात को उसी समय एसपी कांगड़ा अशोक रतन को फोन किया और उस मामले की जानकारी देनी चाही । लेकिन गलती से मेरे पास एसपी कांगड़ा का मोबाइल नंबर में एक डिजिट गलत लिख दिए जाने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया । जिस पर मैने धर्मशाला में एसपी कार्यालय पर लैंडलाइन पर फोन किया पर वह फोन किसी ने नहीं उठाया, जिसके बाद मैने एसपी कार्यालय नूरपुर के लैंडलाइन नंबर पर फोन किया तो वहां से किसी कर्मचारी ने फोन उठाया और मैने उनसे एसपी अशोक रतन का नंबर जानना चाहा, जिस पर जब उन्होंने मुझे जो फोन नंबर दिया तो वह एक गलत डिजिट का मुझे पता चला जिसके बाद मैने नंबर को अपडेट कर उन्हें फोन किया, हालांकि रात में लगभग 2.30 बजे उन्होंने फोन नहीं उठाया जिसके बाद मैने व्हाट्सएप पर उन्हें पूरा मामला लिख कर भेज दिया । मेसेज भेजने के 10 मिनट बाद ही एसपी कांगड़ा अशोक रतन का मुझे वापिस फोन आया और उन्होंने उस पिता का नंबर मुझसे मांगा और कहा कि मैं टीम मौके पर भिजवा रहा हूं । मैने भी उस पिता को फोन कर उन्हें आश्वासन दिया और बताया कि एसपी साहब टीम भेज रहे हैं । जिसके बाद आज सुबह जब मेरी बात उस पिता से हुई तो उन्होंने बताया कि टीम वहां पर पहुंची थी और उनके द्वारा वहां कारवाई की गई है लेकिन उससे पहले वहां मौजूद उन नशे में युवकों ने उस पिता पर दो से तीन बोतलें फेंक कर मारने की कोशिश की थी ।

हालांकि इस पूरे मामले में एसपी कांगड़ा अशोक रतन की कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण तो मिला ही लेकिन मैक्लॉडगंज में late night party और नशे का कारोबार उस निजी होटल पर आए दिन देखने को मिलता है जिस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है । हालांकि हमारे पास उस होटल में हो रही उस पार्टी की न तो तस्वीरें हैं न वीडियो इस कारण उस निजी होटल का नाम यहां लिख नहीं सकते लेकिन कई स्थानीय उस होटल के बारे में कई वर्षों से जानते हैं जहां late night party होती है और सुबह के 5 से 6 बजे वहां से सभी नशे की हालत में अपने अपने घरों को निकलते हैं । कई बार सुबह सुबह उस होटल के बाहर लड़ाई, खून खराबा भी देखा गया है लेकिन सुबह सुबह कोई भी उन नशेड़ियों से मुंह नहीं लगना चाहते । एक बड़ा सवाल यहां पर यह भी है कि व्यापार मंडल मैक्लॉडगंज और होटल एसोसिएशन इन सब चीजों को भली भांति जानता होगा लेकिन वह इस और कोई कदम क्यों नहीं उठाता ?


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