"स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान " जन्म दिन पर मोदी जी ने दिया वरदान : प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ... - Smachar

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"स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान " जन्म दिन पर मोदी जी ने दिया वरदान : प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ...

 "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान " जन्म दिन पर मोदी जी ने दिया वरदान : प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ...


जहाँ पर नारी की पूजा होती है , वहाँ देवता निवास करते हैं। ( यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते: , रमन्ते तत्र देवता: ) इसका बाकायदा शास्त्रों में भी बखूबी उल्लेख है । यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी द्वारा अपने जन्म दिन पर इस संकल्प के साथ चिन्ता व्यक्त करना कि अगर नारी स्वसथ है तो परिवार सशक्त है। नारी समाज के लिए यह बहुत बड़ी बात है। जबकि अन्य दल के नेता मात्र बोट की ख़ातिर महिला सशक्तिकरण का ढिंढोरा पीटते हैं । यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा इस तरह महिला सशक्तिकरण के ऊपर मोदी जी का यह एक के वाद एक ओर नारी शक्ति के लिए वरदान अर्थात उपहार है। पूर्व विधायक ने कहा स्वस्थ नारी , सशक्त परिवार एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक विषय है । "जहाँ नारी स्वस्थ है, वहाँ परिवार में शक्ति है " यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी का विचार केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सामाजिक सच्चाई है। नारी परिवार की धुरी होती है । माँ, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में पूरे परिवार को जोड़कर रखती है। पूर्व विधायक ने कहा नारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ हो , तो उसका सीधा प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। नारी का स्वास्थ्य: समाज की नींव है। एक नारी न केवल अपने लिए बल्कि पूरे परिवार की देखभाल करती है। यदि वह स्वयं ही अस्वस्थ होगी तो वह परिवार की देखभाल कैसे कर पाएगी? ऎसे में प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर आवश्यक है कि महिलाओं को पौष्टिक आहार, समय पर स्वास्थ्य जांच, मानसिक विश्राम और योग/व्यायाम का अवसर मिले । नारी सशक्तिकरण की पहली शर्त - स्वास्थ्य , जब हम 'नारी सशक्तिकरण' की बात करते हैं, तो अक्सर शिक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता की चर्चा होती है, लेकिन स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। एक स्वस्थ नारी ही आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। परिवार पर सकारात्मक प्रभाव जब नारी स्वस्थ और प्रसन्नचित्त होती है, तो वह बच्चों का बेहतर पालन-पोषण कर पाती है, पति को मानसिक सहयोग देती है, और घर का वातावरण सकारात्मक बनाती है। इससे न केवल परिवार में सामंजस्य बढ़ता है, बल्कि अगली पीढ़ी भी संस्कारी, जिम्मेदार और स्वस्थ बनती है। महिलाओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना केवल उनका या उनके परिवार का ही नहीं, बल्कि समाज और सरकार की भी जिम्मेदारी है। पूर्व विधायक ने कहा स्वच्छता, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और जागरूकता अभियानों से महिलाओं को सक्षम बनाया जा सकता है। "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार" केवल एक विचार नहीं, बल्कि माननीय प्रधानमंत्री जी का एक संकल्प है । यह एक ऐसा प्रयास है जिसमें हर व्यक्ति, संस्था और प्रदेश की सरकारें यह सुनिश्चित करे कि हर महिला को स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार मिले। तभी तो एक सशक्त परिवार, समाज और देश की कल्पना साकार हो सकती है । इसीलिए तो सनातनियो ने मां को अपना पहला माना है।

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