GST परिषद की बैठक में बड़ा फैसला: दवाएं, बीमा और रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
GST परिषद की बैठक में बड़ा फैसला: दवाएं, बीमा और रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई GST परिषद की बैठक में आम जनता को बड़ी राहत देने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इन फैसलों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च कम होगा, बल्कि दैनिक उपभोग की वस्तुएं और उपभोक्ता उत्पाद भी पहले से सस्ते मिलेंगे। नई दरें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी।
33 जीवन रक्षक दवाएं टैक्स फ्री
बैठक में कैंसर और रेयर जेनेटिक डिज़ीज़ के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 33 जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह से GST मुक्त कर दिया गया है। अभी तक इन दवाओं पर 12% टैक्स लगाया जाता था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम गंभीर बीमारियों के इलाज का आर्थिक बोझ काफी हद तक कम करेगा।
इन प्रमुख दवाओं को जीरो टैक्स श्रेणी में रखा गया है:
ओनासेमनोजेन एबेपरवोवेक
एस्किमिनिब
डारातुमुमैब
रिस्डिप्लम
एमिसिजुमैब
एवोलोकुमैब
इंक्लिसिरन
साथ ही अन्य बायोलॉजिकल और जेनेटिक दवाएं, जो कैंसर, ऑटोइम्यून बीमारियों और दुर्लभ रोगों में उपयोगी हैं।
इसके अलावा, तीन अन्य दवाएं, जिन पर पहले 5% GST वसूला जाता था, अब पूरी तरह टैक्स मुक्त होंगी।
हेल्थ इंश्योरेंस पर राहत
GST परिषद ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को भी टैक्स फ्री करने का बड़ा निर्णय लिया है। पहले इन पर 18% तक GST लगाया जाता था, जिससे प्रीमियम महंगे हो जाते थे। अब चाहे व्यक्तिगत पॉलिसी हो, फैमिली फ्लोटर हो या वरिष्ठ नागरिकों के लिए योजनाएं—सभी पूरी तरह से टैक्स मुक्त होंगी। इससे आम जनता को सस्ता बीमा मिलेगा और देश में इंश्योरेंस कवरेज बढ़ने की संभावना है।
मेडिकल उपकरण होंगे सस्ते
परिषद ने कई जरूरी मेडिकल उपकरणों पर भी टैक्स दरें घटाकर 5% कर दी हैं। इनमें शामिल हैं:
थर्मामीटर
मेडिकल ऑक्सीजन
ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स
डायग्नोस्टिक किट्स
चश्मे
यह कदम आम उपभोक्ता और अस्पताल दोनों के लिए राहत लेकर आया है।
5% स्लैब में आईं रोजमर्रा की वस्तुएं
अब कई दैनिक उपयोग की चीजें 5% GST के दायरे में आ गई हैं, जिससे इनके दाम घटने की संभावना है। इसमें शामिल हैं:
शैंपू
साबुन
बालों का तेल
नमकीन
इंस्टेंट कॉफी
नूडल्स और पास्ता
बड़े उपभोक्ता उत्पाद भी सस्ते
पहले 28% टैक्स के दायरे में आने वाले बड़े कंज्यूमर गुड्स को अब 18% स्लैब में डाल दिया गया है। इससे ऑटोमोबाइल और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। इसमें शामिल हैं:
कार
बाइक
टीवी
सीमेंट
क्या होगा असर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार के ये फैसले स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ व किफायती बनाएंगे। खासकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को महंगे इलाज के खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही बीमा योजनाओं के सस्ते होने से ज्यादा लोग स्वास्थ्य बीमा लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे। वहीं, रोजमर्रा की चीजों और बड़े उत्पादों की कीमतें घटने से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा और बाजार में मांग बढ़ेगी।
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