क्षेत्र के विकास की कुंजी है पर्यटन व्यवस्था परिवर्तन सरकार पर लगे भेदभाव के आरोप कांगड़ा चंबा सांसद राजीव भारद्वाज - Smachar

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क्षेत्र के विकास की कुंजी है पर्यटन व्यवस्था परिवर्तन सरकार पर लगे भेदभाव के आरोप कांगड़ा चंबा सांसद राजीव भारद्वाज

क्षेत्र के विकास की कुंजी है पर्यटन व्यवस्था परिवर्तन सरकार पर लगे भेदभाव के आरोप कांगड़ा चंबा सांसद राजीव भारद्वाज 


 नूरपुर : विनय महाजन /

कांगड़ा–चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज का नूरपुर प्रेस क्लब पहुंचने पर क्लब के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर नूरपुर के विधायक रणवीर सिंह निक्का भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।कार्यक्रम के दौरान सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि यदि किसी क्षेत्र को वास्तविक रूप से विकसित करना है, तो उसका सबसे सशक्त माध्यम पर्यटन हो सकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन न केवल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है।सांसद ने बताया कि उन्होंने जब-जब संसद में अपनी बात रखने का अवसर प्राप्त किया, तो अपने क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को लेकर लगातार आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि कांगड़ा–चंबा लोकसभा क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं है, लेकिन इन स्थलों तक पहुंचने के लिए सड़क, संचार और अन्य बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) का विकास प्राथमिक आवश्यकता है।सांसद भारद्वाज ने कहा कि यदि पर्यटन को सशक्त बनाना है और सैलानियों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करना है, तो सबसे पहले मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, और वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इन योजनाओं का अधिकतम लाभ कांगड़ा–चंबा संसदीय क्षेत्र को मिले।

डॉ. भारद्वाज ने कहा कि हमारे लोकसभा क्षेत्र में आज भी केवल एक नैरो गेज रेल लाइन है, जो अंग्रेज़ों के समय में बनाई गई थी और केवल जोगिंदरनगर तक ही जाती है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस विषय को संसद में उठाया, तो रेल मंत्री ने भी इसे जायज़ मांग मानते हुए संबंधित अधिकारियों को सर्वेक्षण के आदेश दिए। “अब इस रेल लाइन के विस्तार का सर्वे पूरा हो चुका है, और इसमें बनने वाले स्टेशनों की संख्या, लागत और रूट का ब्यौरा भी तैयार कर लिया गया है,” उन्होंने कहा।सांसद ने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र में कई विश्वविख्यात शक्तिपीठ और मंदिर हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चंबा का लक्ष्मी नारायण मंदिर शहर के बीचोबीच स्थित है और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि अब तक कांगड़ा–चंबा क्षेत्र के किसी भी प्रमुख मंदिर को ‘प्रसाद योजना’ के तहत शामिल नहीं किया गया है। “केवल चिंतपूर्णी मंदिर ही इस योजना में शामिल है, जबकि कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध मंदिर अभी तक इससे वंचित हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है,” उन्होंने कहा।सांसद ने विश्वास जताया कि यदि पर्यटन को योजनाबद्ध रूप से विकसित किया जाए, तो आने वाले वर्षों में कांगड़ा–चंबा संसदीय क्षेत्र पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार पर प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा की सरकार ने जिला कांगड़ा को पर्यटन के रूप में प्रदेश स्तर पर दर्जा देने की कवायत तो की लेकिन धरातल पर कोई भी परिणाम नजर नहीं आया वह भी सरकार के पास इस मामले में कोई भी मास्टर प्लान नहीं है l उन्होंने स्पष्ट किया कि शीघ्र कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए वह संसदीय क्षेत्र के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से इस मामले में मिलेंगेl

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