मनाली में भगवद गीता प्रचार पर रोक मामले में उपमंडलाधिकारी ने मांगी माफी - Smachar

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मनाली में भगवद गीता प्रचार पर रोक मामले में उपमंडलाधिकारी ने मांगी माफी

 मनाली में भगवद गीता प्रचार पर रोक मामले में उपमंडलाधिकारी ने मांगी माफी 


मनाली : ओम बौद्ध /

मनाली में सनातन धर्म और भगवद गीता के प्रचार को लेकर एक विवाद ने तूल पकड़ लिया था। इस्कॉन कटराई के भक्त मोहन हरि दास, जो मनाली में गीता प्रचार और परमिशन को ले कर कहा सुनी हुई थी, और उन्हें एसडीएम मनाली रमन शर्मा द्वारा प्रचार के लिए रोका गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एसडीएम ने न केवल उन्हें प्रचार बंद करने को कहा, बल्कि उनकी भगवद गीता और मोबाइल फोन भी छीन लिया गया। इसके बाद उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया था। I उनके संत के बयान पर कहा गया कि पुलिस कांस्टेबल द्वारा मोहन हरि दास को डराया-धमकाया गया और पुलिस स्टेशन ले जाने की धमकी दी गई। कांस्टेबल ने कथित तौर पर कहा, "ज्यादा हीरो बन रहा है", जिससे इस्कॉन भक्तों में असंतोष और भय का माहौल बन गया। जब मोहन हरि दास ने एसडीएम से प्रचार की अनुमति मांगी, तो एसडीएम रमन शर्मा आग बबूला हो गए और स्पष्ट रूप से कहा कि मनाली में कहीं भी गीता प्रचार की कोई अनुमति नहीं है।

इस घटना के बाद इस्कॉन सेंटर कटराई के प्रमुख जीवाश्रय सुबल दास ने इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त है और इस प्रकार की कार्रवाई न केवल असंवैधानिक है, बल्कि सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसडीएम पहले भी इस्कॉन के साथ अपमानजनक व्यवहार कर चुके हैं।

इस घटना के बाद सनातन धर्म प्रेमियों और इस्कॉन समुदाय में भारी रोष व्याप्त है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई धार्मिक संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से स्पष्टीकरण और कार्रवाई की मांग की है।

यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता, प्रशासनिक आचरण और नागरिक अधिकारों के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर करता है। इस्कॉन भक्तों ने शांतिपूर्ण तरीके से गीता प्रचार करने का प्रयास किया, जिसे प्रशासनिक हस्तक्षेप द्वारा बाधित किया गया। 


शनिवार को इस्कॉन के लगभग 50 भक्त मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ से मिलने उनके निवास स्थान पर गए और इस विषय पर उनको जानकारी दी । उन्होंने एसडीएम मनाली रमन शर्मा से फ़ोन द्वारा इसकी रिपोर्ट मांगी । उपमंडलाधिकारी ने कहा कि इस्कॉन के भक्त उनसे सोमवार को उनसे कार्यालय में मिले और अपना पक्ष रखे। 

विधायक ने कहा की ऐसी घटना आने वाले समय में नहीं होगी । उन्होंने कहा की इस्कॉन के भक्त एक बार उपमंडलाधिकारी ( नागरिक )से मनाली में जाकर मिलें । 

इस संदर्भ में जानकारी लेने के उपरांत पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर इस विषय पर शनिवार को मनाली में प्रेस कांफ्रेंस की थी। इस्कॉन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि उपमंडलाधिकारी रमण शर्मा ने इस बाबत संतों से दूरभाष पर माफी मांग ली है l उनके अनुसार अब मामला ठंडा होता नजर आ रहा है l इस्कॉन के संतों ने भी इसे स्वीकार कर लिया है l

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