SFI का ABVP पर आरोप—“विचारों से नहीं, दीवारों पर हमला कर रही है फासीवादी राजनीति”
SFI का ABVP पर आरोप—“विचारों से नहीं, दीवारों पर हमला कर रही है फासीवादी राजनीति”
शिमला : गायत्री गर्ग /
आज रात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में की गई शर्मनाक और निंदनीय हरकत विश्वविद्यालय समुदाय के लिए गहरी चिंता का विषय है। SFI की लोकतांत्रिक विचारधारा और छात्र हितों को समर्पित वॉल पेंटिंग को काले रंग से मिटाना महज़ एक दीवार पर हमला नहीं, बल्कि विचार, लोकतंत्र और विद्यार्थी आवाज़ पर हमला है।
SFI वर्ष 1978 से ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक लोकतांत्रिक, प्रगतिशील और बहस-चर्चा आधारित माहौल का निर्माण करता आया है। यहां की छात्र राजनीति का चरित्र हमेशा वैचारिक संघर्ष, संवाद और समान अधिकारों की लड़ाई पर आधारित रहा है।
लेकिन जिस यूनिवर्सिटी में बहस, विचार-विमर्श और अकादमिक वातावरण की मज़बूती की ज़रूरत थी, उसी यूनिवर्सिटी में ABVP जैसी फासीवादी सोच वाली संगठन द्वारा लगातार माहौल को बिगाड़ने, असहिष्णुता फैलाने और छात्रों में तनाव पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं।
कैंपस की दीवारों पर हमला करना लोकतंत्र के मूल्यों पर हमला है। यह कदम साफ दर्शाता है कि ABVP छात्र हितों पर नहीं, बल्कि दमनकारी राजनीति पर भरोसा करती है। इस तरह की हरकतें विश्वविद्यालय को संघर्ष का मैदान बनाने और दंगा भड़काने की साज़िश का हिस्सा प्रतीत होती हैं।
SFI इस कृत्य की कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे, दोषियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम सुनिश्चित करे, और विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक माहौल की रक्षा करे।
हम स्पष्ट करते हैं कि विचारों की लड़ाई दीवारों को काला करने से नहीं जीती जाती—इसे केवल संवाद, तर्क और लोकतंत्र के रास्ते से ही जीता जा सकता है।
SFI, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई
परिसर सचिव
मुकेश कुमार
परिसर अध्यक्ष
योगी


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