लैब में 'हाईब्रिड' चरस की खेती का पर्दाफाश: काँगड़ा पुलिस ने आरोपी को दबोचा, विदेशी करंसी भी बरामद
लैब में 'हाईब्रिड' चरस की खेती का पर्दाफाश: काँगड़ा पुलिस ने आरोपी को दबोचा, विदेशी करंसी भी बरामद
नगरोटा बगवाँ, काँगड़ा: जिला काँगड़ा पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अपने विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए नगरोटा बगवाँ के गाँव जसौर में एक रिहाईशी मकान में चल रही भांग की अत्याधुनिक/हाईब्रिड खेती का पर्दाफाश किया है।
इस मामले में पुलिस ने मकान मालिक समीर डोगरा को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के विरुद्ध पुलिस थाना नगरोटा बगवाँ में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
क्या-क्या हुआ बरामद?
दिनांक 21.09.2025 को की गई इस छापामारी में पुलिस को आरोपी के घर के कमरों और छत (लेंटर) पर लगे गमलों से अवैध रूप से उगाई गई भांग की फसल और अन्य सामान मिला है, जिसका विवरण इस प्रकार है:
* भांग के जीवित पौधे: 23 (गमलों में उगाए गए)
* पौधे जड़ सहित (कलमें): 13
* कटे हुए पौधे/टहनियाँ: 27 (कमरे के अंदर रस्सियों पर सूखने के लिए लटकाई गई)
* सूखी भांग की पत्तियाँ: 3 पारदर्शी लिफाफे
* विदेशी करंसी: 14 डॉलर (अमेरिकी), 02 नेपाली ₹5 के नोट
* भारतीय करंसी: ₹13,300/-
नई तकनीक से हो रही थी हाईब्रिड खेती
पुलिस के अनुसार, बरामद भांग के पौधे अत्याधुनिक/हाईब्रीड किस्म के पाए गए हैं। आरोपी ने अपने मकान के अंदर के कमरों में इसे नई तकनीक से उगा रखा था और पौधों को काटकर कमरे के अंदर सूरज की रोशनी के बिना सुखाकर रखा था। गौरतलब है कि इन पत्तियों को विदेशी सैलानियों को ज्यादा कीमत पर बेचने की फिराक में रखा गया था
पुलिस टीम काफी समय से आरोपी की इस अवैध खेती के संबंध में गुप्त तरीके से निगरानी रख रही थी और पुख्ता जानकारी जुटा रही थी। 21 सितंबर को पुख्ता सूचना मिलते ही यह कार्रवाई की गई।
पुलिस का सख्त संदेश
जिला कांगड़ा पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नशे के विरुद्ध यह अभियान भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगा। पुलिस ने चेतावनी दी है कि नशे और अन्य अवैध कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
आमजन से अपील: पुलिस ने जनता से अनुरोध किया है कि नशे के सौदागरों की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसे अवैध धंधे में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
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