संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले को परिषद ने सम्मानित किया, हिमाचल में सेवा कार्यों की दी प्रतिबद्धता - Smachar

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संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले को परिषद ने सम्मानित किया, हिमाचल में सेवा कार्यों की दी प्रतिबद्धता

 संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले को परिषद ने सम्मानित किया, हिमाचल में सेवा कार्यों की दी प्रतिबद्धता


 रिवालसर : अजय सूर्या

अखिल भारतीय दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद के महासचिव चमन राही के नेतृत्व में गुरुद्वारा परमेश्वर द्वार पटियाला, पंजाब के संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले को हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान पीड़ितों की सेवा के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्हें हिमाचली शॉल और पारंपरिक टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया।


चमन राही ने बताया कि हिमाचल प्रदेश धर्म, संस्कृति और सेवा का पवित्र स्थान है, जहाँ गुरु गोविंद सिंह जी का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि संतों का मार्गदर्शन समाज सेवा एवं आपदा राहत के कार्यों को नयी दिशा प्रदान करता है। परिषद ने इस अवसर पर संत जी को हिमाचल में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा पीड़ितों की सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने की शुभकामनाएँ दीं।


संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेवा और मानव कल्याण की दृष्टि से अत्यंत पवित्र भूमि है। यहां के लोगों की मदद करना उनके लिए गुरुओं की कृपा का फल है। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने, युवाओं को धार्मिक व सामाजिक कार्यों से जोड़ने हेतु विशेष अभियान चलाने की प्रतिबद्धता जताई।


चमन राही ने ऐतिहासिक रिवालसर की धरती पर आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन का जिक्र करते हुए बताया कि संत रणजीत सिंह ढंडरियां वाले मंडी में सर्वधर्म समागम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए वे अपनी टीम भेजकर उचित स्थान और समय का आंकलन करेंगे।


परिषद ने आशा जताई कि संत जी की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश में सामाजिक एकता, धार्मिक सौहार्द एवं आपदा राहत के क्षेत्र में ठोस कार्य होंगे, जिससे प्रदेशवासियों को नई दिशा और संबल प्राप्त होगा।


इसके अतिरिक्त चमन राही ने बताया कि परमेश्वर द्वारा संचालित चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत स्कूलों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, मेडिकल सुविधा और जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाई में सहायता दी जाती है। ऐसे ही कार्य हिमाचल में भी किए जाएंगे ताकि जरूरतमंद बच्चे बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें।



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