तहसील कार्यालय भवन की हुई जर्जर हालत
तहसील कार्यालय भवन की हुई जर्जर हालत
नगरोटा सूरियां : प्रेम स्वरूप शर्मा /
जिला कांगड़ा के तहत नगरोटा सूरियां की तहसील का कार्यालय पिछले करीब बारह वर्षा से किसान भवन में कार्यरत चला आ रहा है लेकिन अब इसकी हालात इस कदर बन चुके है कि कभी भी इस तहसील कार्यालय की भवन की छत गिर सकती है, जब बारिश होती है तो पानी छत से कमरों में टपकता हैं वहीं एक कमरे में ही करीब 10 कर्मचारी बैठकर काम करते हैं और एक छोटा सा कमरा तहसीलदार का है जहां से विभागिया कार्य करते है इसी भवन के एक छोटे से कमरे में नगरोटा सूरियां के पटवारी बैठते हैं जहां बड़ी मुश्किल भरा है अपने काम करवाने के लिए जनता के लिए बैठने के लिए कोई समुचित व्यवस्था के रूप में जगह नहीं होने से दिक्कत होती है। हालांकि एक वेंच रखा है पर लोगों का ज्यादा आने पर कई बार अक्सर खुले आसमान में जनता खड़े होना पड़ता है , बारिश होने या गर्मी के मौसम में, पर स्थिति जहाँ देखने वाली बनती है ,कि किस परेशानी से लोग और विभाग वाले गुजरते हैं। इस तरह का हाल नगरोटा सूरियां तहसील कार्यालय भवन का है। बताया जाता है की वर्षो बने हो गए इस भवन में पहले ये पंचायत कार्यालय होता था, निजि स्कूल भी चला रहा,रामलीला के वक्त रिहासिल भी होती थी, यहाँ तक यहाँ ही सेना की भर्ती भी हो चुकी है। उसके बाद कई वर्ष तक जल शक्ति विभाग का कार्यालय भी रहा और अब पिछले 12 वर्ष से अधिक समय बीत रहा है। लेकिन यहाँ तहसील कार्यालय के खुले हुए जोकी असुरक्षित भवन में ही कार्यरत है, मिली जानकारी अनुसार करीब चार वर्ष हो गए लोक निर्माण विभाग द्वारा इस भवन को असुरक्षित घोषित कीये हुए, लेकिन उसके बाबजूद अभी भी यह तहसील कार्यालय इसी भवन में चल रहा है । अब सवाल पैदा होता है कि क्या सरकार और विभाग तब जागेगा जब कोई अप्रिय अनहोनी कोई घटेगी ? ये भी बताया गया है कि जहां पर इस समय तहसील कार्यालय चल रहा है इसी स्थान पर भूमि पर पूर्व सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा की थी और कहा था कि नगरोटा सूरियां में एक छत के नीचे सभी कार्यालय होंगे, जिससे जनता को एक ही स्थान सुविधा मिलेगी इसका नक्शा आदि भी बन कर अप्रूबल हो चुका है, प्रकालन भी भेजा गया है पर राशि का प्रवधान होना अब बाकी है।लेकिन आगामी प्रगति इस बारे आज तक कोई भी धरातल पर देखने को नहीं मिल पाई है। उधर इलाके संजीव कुमार, धर्मपाल महाजन, अनिल, आशु, अश्वनी गुलेरिया, रचित, राम स्वरूप, केशव, महिंदर् पठानीयां, रमेश भारती, संजय, ध्यान सिंह, साहिल चौधरी, विकास चौधरी, अंकु, अखिल, राकेश कुमार, प्रवीन कुमार, रिन्टू, विजय, उषा देवी, मिंटू, राजेश आदि ने प्रमुखता से मांग की है कि इस महत्वपूर्ण विभागिया कार्यलय का भवन आदि का निर्माण चयन हुई भूमि पर जन हित की सुविधा के लिए करवाए जाने के कदम सरकार और सम्बधित विभाग के उच्च अधिकारी उठाए । वहीं स्थानीय लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता से इस भवन बारे जब पूछा तो उन्होंने पुष्टि की है कि उनके यहाँ आने से पहले ही विभाग द्वारा असुरक्षित भवन घोषित किया जा चुका है।
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