पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर पर उठे सवाल - Smachar

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पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर पर उठे सवाल

 पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर पर उठे सवाल — चमन राही बोले, अधिकारियों की मनमानी से बिगड़ रहा सामाजिक संतुलन


आपदा और परिसीमन विवाद के बीच प्रशासन पर लगाए पक्षपात के आरोप

नेरचौक : अजय सूर्या /

प्रदेश की 3577 पंचायतों में होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं, लेकिन आरक्षण रोस्टर और प्रशासनिक मनमानी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अखिल भारतीय दलित पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद के प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता चमन राही ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ अधिकारियों की मनमानी से सामाजिक संतुलन बिगड़ रहा है।


राही ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों की तैयारियां लगभग पूरी कर ली थीं, लेकिन डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत बदलाव उस समय किए गए जब मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जिलों के उपायुक्तों ने आपदा के चलते अतिरिक्त समय मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के परिसीमन को लेकर उपायुक्तों को विशेष शक्तियां प्रदान की थीं, परंतु इस प्रक्रिया को लेकर कई स्थानों पर असंतोष और विवाद बना हुआ है।


राही का कहना है कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी आरक्षण रोस्टर में मनमर्जी कर रहे हैं। जिन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए खोला जाना चाहिए था, उन्हें जानबूझकर आरक्षित किया जा रहा है। इससे न केवल सामाजिक संतुलन प्रभावित हो रहा है बल्कि निष्पक्ष चुनाव की भावना पर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी सत्तापक्ष की अपेक्षा विपक्ष की सुन रहे हैं, जबकि पंचायती चुनाव पूरी तरह गैर राजनीतिक होने चाहिए।


उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था कि पंचायत चुनाव राजनीति से ऊपर रहें, लेकिन आज संविधान की भावना के विपरीत राजनीतिक स्वार्थ हावी हो रहे हैं।


राही ने मतदाताओं से अपील की कि वे किसी पार्टी के बजाय ईमानदार और कार्यशील उम्मीदवारों को वोट दें ताकि स्वच्छ नेतृत्व सामने आ सके। उन्होंने कहा कि आज राजनीति में मेहनती और ईमानदार लोग पीछे छूट रहे हैं जबकि स्वार्थी लोग आगे बढ़ रहे हैं — यह प्रवृत्ति चिंताजनक है।


अंत में उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर वे मुख्यमंत्री तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री से मिलकर औपचारिक शिकायत दर्ज करवाएंगे, ताकि अंतिम आरक्षण रोस्टर जारी होने से पहले आवश्यक सुधार और कठोर कार्रवाई की जा सके।

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