कांग्रेस की रैली में नर्सों का दर्द चीखा—भविष्य अंधकार में, सरकार जश्न में मशगूल : विपिन परमार - Smachar

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कांग्रेस की रैली में नर्सों का दर्द चीखा—भविष्य अंधकार में, सरकार जश्न में मशगूल : विपिन परमार

 कांग्रेस की रैली में नर्सों का दर्द चीखा—भविष्य अंधकार में, सरकार जश्न में मशगूल : विपिन परमार

40000 करोड़ का कर्ज, ठप विकास, बंद संस्थान—कांग्रेस का जश्न नहीं, हिमाचल पर थोपे गए संकटों का नंगा सच


मंडी आपदा पीड़ितों की चीखें बाकी, और सुखू सरकार ढोल-नगाड़ों में डूबी—जनता के घावों पर नमक का जश्न

धर्मशाला, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने मंडी में आयोजित कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जश्न नहीं, बल्कि नाकामी, झूठी घोषणाओं और जनता पर डाले गए बोझ का जुलूस है।

उन्होंने कहा कि रैली में सबसे मार्मिक दृश्य वह था जब बेरोजगार नर्सें हाथों में तख्तियां लेकर अपना भविष्य अंधकार में बताती रहीं, और कांग्रेस सरकार उनके दर्द को ढोल-नगाड़ों के शोर में दबाती रही। परमार बोले—

“जब नर्सें चीख-चीखकर न्याय मांग रही हों और सरकार जश्न मना रही हो, तो समझ लीजिए सरकार का चरित्र जनता-विरोधी और संवेदनहीन है।”


कांग्रेस से सीधा सवाल—जश्न आखिर किस बात का? कर्ज का, संकट का या जनता को ठगने का?


विपिन परमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार को बताना चाहिए कि जश्न किस उपलब्धि का है, क्योंकि तीन वर्ष में उपलब्धि का नाम तक नहीं मिला।

उन्होंने कहा : क्या 40000 करोड़ का कर्ज चढ़ाकर जनता की कमर तोड़ने का जश्न है?

क्या विकास को पूरी तरह ठप कर देने का जश्न है? क्या स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान और योजनाएं बंद करने का उत्सव है? क्या हर घर में घुसी महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी का जश्न है? क्या किसानों, बागवानों और महिलाओं की बढ़ती मुश्किलों का जश्न है? क्या भर्ती घोटालों और भ्रष्टाचार की नई ऊँचाइयों का जश्न है? क्या 10 में 10 गारंटियां झूठ साबित करने का जश्न है?

उन्होंने कहा “तीन साल में कांग्रेस सरकार ने योजनाएं बंद कीं, नौकरियां रोकीं, विकास रोका और जनता को महंगाई की आग में झोंक दिया—फिर किस बात का जश्न?”


मंडी में जश्न नहीं—आपदा पीड़ितों पर प्रहार


विपिन परमार ने कहा कि जो जिला प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ, वही जिला कांग्रेस सरकार के जश्न का मैदान बना दिया गया।

उन्होंने कहा “सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई, कई परिवार बेघर हुए, बच्चे अनाथ हुए—और सुखू सरकार उन्हीं जख्मों के बीच मंच, लाइटें और तामझाम के साथ जश्न मना रही है। यह संवेदनहीनता की नहीं, क्रूरता की पराकाष्ठा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आपदा राहत की राशि कहां खर्च हो रही है, और क्या रैली की व्यवस्थाओं में उसका उपयोग तो नहीं किया गया?


हिमाचल में बढ़ता अपराध, माफिया राज और पुलिस पर हमले—कांग्रेस ने शांत प्रदेश को अस्थिरता की ओर धकेला


परमार ने कहा कि कांग्रेस शासन में हिमाचल जैसा शांत प्रदेश आज अपराध और माफिया तंत्र के साए में खड़ा है।

उन्होंने कहा: पुलिस पर हमले हो रहे हैं, अपराध बढ़ रहे हैं, नशा और माफिया बेलगाम हैं, कानून व्यवस्था चरमराकर गिर चुकी है,

और इस सबके बीच सरकार “जश्न” मना रही है—यह अपने आप में राज्य के लिए शर्मनाक है।


 जश्न का सच—ढोल-नगाड़े, झूठी घोषणाएं और कागजी गारंटियों का तमाशा


विपिन परमार ने कहा कि मंडी में जो आयोजन हुआ, वह जनता की उम्मीदों का मंच नहीं, बल्कि कांग्रेस की असफलताओं पर पर्दा डालने की हड़बड़ी में तैयार किया गया प्रदर्शन था।

उन्होंने कहा “यह जश्न नहीं, जनता की पीड़ा पर बजता हुआ ढोल है…

यह उत्सव नहीं, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का तमाशा है…

यह उपलब्धि नहीं, असफलता की सजावट है…।”


जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी—हिमाचल विकास चाहता है, दिखावा नहीं


परमार ने कहा कि हिमाचल की जनता कांग्रेस सरकार की विफलताओं, झूठी गारंटियों, भ्रष्टाचार, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से तंग आ चुकी है।

उन्होंने कहा “हिमाचल जश्न नहीं चाहता—विकास चाहता है।

हिमाचल नारे नहीं चाहता—स्थिरता और ईमानदार शासन चाहता है।

और 2027 में जनता कांग्रेस का हिसाब चुकता कर देगी।”

उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में जनता कांग्रेस को करारा जवाब देगी और भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर राज्य को स्थिर, पारदर्शी और विकासशील सरकार देगी।

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