बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक आयोजित
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ब्लॉक टास्क फोर्स की बैठक आयोजित
बाल विकास परियोजना नगरोटा सुप्रिया जिला कांगड़ा द्वारा उप मंडल ज्वाली के एसडीएम श्री नरेंद्र जरियाल की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की ब्लॉक टास्क फोर्स की मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक में बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री बलजीत ठाकुर, पुलिस उपाधीक्षक ज्वाली श्री विरी सिंह, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर श्री अमन दुआ, खंड विकास अधिकारी नगरोटा सूरियां श्री मनोज शर्मा, तहसील कल्याण अधिकारी विनोद कुमार, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ज्वाली, नगरोटा, कोटला, एस एच ओ ज्वाली, समस्त वृत पर्यवेक्षक, ब्लॉक कॉर्डिनेटर तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में बाल विकास परियोजना अधिकारी नगरोटा सूर्या द्वारा मीटिंग के झंडे की जानकारी अध्यक्ष महोदय वह अन्य उपस्थित सदस्यों को दी गई तथा हर कार्य बिंदु पर असम दिवाली द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित विभागों को जारी किए गए उन्होंने सभी विभागों को आपस में समन्वय बनाकर महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को लाभान्वित करवाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करने के निर्देश दिए उन्होंने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के ऊपर बल देते हुए अनाथ एवं अर्धनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही इन योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा मात्रा बच्चों को पंजीकृत करवाने और लाभ दिलवाने का आवाहन किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट घोषित किया है तथा उनकी शिक्षा, रोजगार, गृह निर्माण, विवाह अनुदान आदि अलग-अलग तरह से लाभ देने के लिए योजना में बजट उपलब्ध करवाया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में भवन निर्माण तथा शौचालय निर्माण व मरम्मत के लंबित विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए खंड विकास अधिकारी को भी निर्देश जारी किए। बैठक में अध्यक्ष महोदय द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन कांगड़ा जिसमें जिलाधीश कांगड़ा श्री हेमराज बेरवा के विशेष प्रयासों से जिला कांगड़ा में कुपोषण को दूर करने के लिए मिशन भरपूर तथा मिशन तृप्ति चलाया जा रहा है जिसमें कुपोषित बच्चों को विशेष पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है और नवविवाहित दंपतियों , गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं को काउंसलिंग उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि कुपोषण, बाल मृत्यु, लो बर्थ वेट आदि समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सके।
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