कुल्लू के इनर अखाड़ा और मठ क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा, निवासियों ने मुख्यमंत्री को लिखा ज्ञापन
कुल्लू के इनर अखाड़ा और मठ क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा, निवासियों ने मुख्यमंत्री को लिखा ज्ञापन
कुल्लू इनर अखाड़ा बाजार और मठ क्षेत्र के निवासियों ने लगातार हो रहे भूस्खलन और असुरक्षित निर्माण गतिविधियों के कारण अपने क्षेत्र की खतरनाक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। निवासियों ने मुख्यमंत्री से इस गंभीर समस्या का तत्काल समाधान करने का आग्रह किया है ताकि हजारों लोगों के जीवन और संपत्ति को बचाया जा सके।
ज्ञापन में, निवासियों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं और उनके समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाने का अनुरोध किया है:
जल निकासी और सीवरेज: जल शक्ति विभाग से मठ क्षेत्र में, खासकर चट्टान के किनारे, सीवरेज और जल निकासी प्रणाली का तकनीकी मूल्यांकन करने और तुरंत सुधार करने की मांग की गई है।
अतिक्रमण हटाना: खानेड के ऊपर की चट्टान पर हुए खतरनाक अतिक्रमणों को बिना किसी देरी के ध्वस्त करने की मांग की गई है।
नाले का दुरुपयोग: खुले नालों में गंदगी बहाने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की अपील की गई है ताकि वे ऐसा करना बंद करें।
सड़क की मरम्मत: मठ-सुल्तानपुर सड़क पर जल निकासी की उचित व्यवस्था करने के लिए तटीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
निर्माण पर रोक: मठ और बेखली मंदिर तक के क्षेत्र को 'निर्माण-निषेध ग्रीन ज़ोन' घोषित करने और सभी नए निर्माण पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है।
मलबा हटाना: क्षतिग्रस्त और कमजोर घरों के पीछे जमा मलबे को तुरंत साफ करने और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का अनुरोध किया गया है।
वन विभाग का सहयोग: वन विभाग से मृदा परीक्षण कराने और वृक्षारोपण के लिए पर्याप्त पौधे उपलब्ध कराने की सलाह देने को कहा गया है, जिसमें निवासी और अन्य सामाजिक संगठन सहयोग करने को तैयार हैं।
आर्थिक सहायता: ज्ञापन में उन लोगों को तत्काल 10,000 रुपये की किराया सहायता जारी करने की मांग की गई है, जिन्हें असुरक्षित घरों को छोड़ना पड़ा है, साथ ही जिन परिवारों ने अपना सारा सामान खो दिया है, उन्हें 70,000 रुपये की राहत राशि देने का भी अनुरोध किया गया है।
सीमांकन और सर्वेक्षण: अवैध अतिक्रमणों की पहचान के लिए मठ क्षेत्र का सीमांकन करने और स्थायी समाधान सुझाने के लिए भूवैज्ञानिकों और आईआईटी विशेषज्ञों द्वारा संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है।
नगर परिषद की जवाबदेही: नगर परिषद और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) से इस नाजुक क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों को मंजूरी देने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा, चल रहे बड़े निर्माण कार्यों को तुरंत रोककर उनकी समीक्षा करने की भी मांग की गई है।
किरायेदारों की संख्या: निवासियों और भूस्वामियों से किरायेदारों की संख्या को सीमित करने का आग्रह किया गया है, क्योंकि अधिक संख्या में लोग इस नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।
निवासियों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री इन गंभीर मुद्दों पर तत्काल ध्यान देंगे और समय पर कार्रवाई करेंगे ताकि इनर अखाड़ा बाजार और मठ क्षेत्र में जान-माल की और हानि को रोका जा सके। इस ज्ञापन की प्रतियां स्थानीय विधायक, उपायुक्त, कुल्लू नगर परिषद के अध्यक्ष और अन्य संबंधित विभागों को भी भेजी गई हैं।


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