चम्बा- रावी नदी के कटाव से खतरे में धरवाला बाजार, ग्रामीणों ने एडीएम चम्बा को सौंपा ज्ञापन - Smachar

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चम्बा- रावी नदी के कटाव से खतरे में धरवाला बाजार, ग्रामीणों ने एडीएम चम्बा को सौंपा ज्ञापन

चम्बा- रावी नदी के कटाव से खतरे में धरवाला बाजार, ग्रामीणों ने एडीएम चम्बा को सौंपा ज्ञापन; की कंक्रीट दीवार बनाने की मांग

​चम्बा: चम्बा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर स्थित धरवाला बाजार की सुरक्षा को लेकर ग्राम पंचायत लोथल के ग्रामीणों ने आज अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) चम्बा, अमित मैहरा को एक ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने रावी नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से बाजार पर मंडरा रहे जमींदोज होने के खतरे को देखते हुए तत्काल उचित कदम उठाने की मांग की है।

​बाजार पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

​ग्रामीणों ने एडीएम को अवगत कराया कि हाल ही में हुई भारी बारिश के दौरान रावी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था, जिससे धरवाला बाजार के बड़े हिस्से पर कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि भविष्य में भूस्खलन हुआ या नदी का जलस्तर फिर बढ़ा, तो लगभग डेढ़ सौ परिवार सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।

​24 पंचायतों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र

​धरवाला बाजार सिर्फ एक व्यावसायिक केंद्र नहीं, बल्कि आसपास की 24 पंचायतों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक और सामाजिक केंद्र है। इस बाजार में दो बैंक, एक उप तहसील, एक निजी शिक्षण संस्थान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), बिजली बोर्ड का कार्यालय सहित कई अन्य आवश्यक कार्यालय स्थित हैं। रोजाना बड़ी संख्या में लोग अपने दैनिक कार्यों और सेवाओं के लिए यहां पहुंचते हैं।

​पुरानी समस्या, अनसुनी मांगें

​ग्रामीणों ने बताया कि धरवाला बाजार को पहले भी रावी नदी की चपेट में आने से भारी नुकसान हो चुका है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और एनएचपीसी (NHPC) प्रबंधन के समक्ष कई बार इस समस्या को उठाया है, लेकिन दुर्भाग्यवश अब तक इस दिशा में कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।

​ग्रामीणों की मुख्य मांग

​ज्ञापन में ग्रामीणों ने अपनी मुख्य मांग दोहराते हुए कहा है कि धरवाला बाजार को भविष्य की किसी भी अनहोनी से बचाने के लिए रावी नदी के एक छोर पर जल्द से जल्द कंक्रीट की मजबूत दीवार (सुरक्षा दीवार) का निर्माण कराया जाए। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि एडीएम चम्बा इस गंभीर विषय पर त्वरित कार्रवाई करेंगे ताकि क्षेत्र की जनता और महत्वपूर्ण सरकारी/निजी संस्थानों को सुरक्षित किया जा सके।


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