प्रदेश के राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के आदेश संबंध संबंधित विभाग में अभी तक लंबित पड़े हैं
प्रदेश के राजस्व व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के आदेश संबंध संबंधित विभाग में अभी तक लंबित पड़े हैं
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की पंचायत जाछ के वार्ड 5 व 6 के स्थानीय निवासियों के लिए लगभग150 घरों के लिए सदियों से गांव का रास्ता तत्कालीन एग्रो इंडस्ट्री परिसर के बीचों बीच स्थानीय पंचायत के लोगों के लिए बासा वज़ीरां को जसूर से शॉर्टकट रास्ते का किसी समय उपयोग किया जाता था लेकिन एनडीआरफ के नाम पर यह भूमि स्थानांतरण होने से यह रास्ता आम जनमानस के लिए सदा के लिए बंद कर दिया गयाl जाछ पंचायत के स्थानीय हरिजन बस्ती के करीब150 घरों को अब बाया बोड़ से करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय कर गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है जबकि बाया एग्रो इंडस्ट्री परिसर से होकर मात्र आधा किलोमीटर की दूरी तय करते थे l स्थानीय परिवार के करीब 150 घरों की संख्या है व पांच छह सौ दलित सामुदायिक के लोगों को काफ़ी समय से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैl इन पीड़ित परिवारों की एक मात्र आय का साधन खेतीबाड़ी के काबिल भूमि बंजर होती जा रही है क्योंकि ट्रैक्टर या अन्य कृषि संबंधी इक्विपमेंट रास्ता न होने की बजह से यह पीड़ित परिवार फसल नहीं उगा पा रहे है l इस मामले में राजस्व एव बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी से स्थानीय लोगों का डेलिगेशन नूरपुर प्रवास के दौरान मिला था l इस मामले में मंत्री द्वारा लगभग स्थानीय 150 परिवारों को हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी जाछ परिसर के एक कोने से भूमि का टुकड़ा आम जनमानस रास्ते हेतु अधिकृत करने का आश्वासन मोके पर भी दिया गया थाl मंत्री द्वारा फ्रूटफुल परिणाम सामने आए जिसके लिए वीसी महोदय नौनी विश्वविद्यालय के कार्यालय में अप्रूवल हेतु यह मामला अभी तक लंबित होने से पीड़ित परिवारों में काफी रोष है l स्थानीय लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू व बागबानी व राजस्व विभाग मंत्री जगत सिंह नेगी के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए आग्रह किया कि अतिशीघ्र स्थानीय पंचायत की समस्या को देखते हुए शॉर्टकट रास्ते का प्रावधान कर दलित समाज की समस्या का समाधान किया जाए !इस मौके पर आज स्थानीय प्रभावित परिवार मौजूद रहे l इन पीड़ित परिवारों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह आदेश है कि हम प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करने आए हैं लेकिन व्यवस्था परिवर्तन करने वाले संबंधित विभाग आखिरकार इन पीड़ितों की समस्या का समाधान करने में क्यों नहीं जागरूक हो रहे हैं ऐसे प्रश्न उन्होंने सरकार से भी किए हैं?
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