अवैध कब्जों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय : चमन राही - Smachar

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अवैध कब्जों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय : चमन राही

 अवैध कब्जों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय : चमन राही

29 अक्तूबर को मंडी में जुटेंगे कब्जाधारी, सरकार को सौंपी जाएगी सूची


मंडी 

अखिल भारतीय दलित, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग परिषद के महासचिव एवं राज्य प्रवक्ता चमन राही ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध कब्जों को लेकर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को ऐतिहासिक और सराहनीय फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए लाखों गरीब, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक परिवारों को राहत प्रदान की है।


परिषद के अन्य पदाधिकारियों — सन्नी ईपन (प्रदेश संयोजक), यशवंत गुलेरिया (सेवादल के पूर्व सचिव), कर्म सिंह सैनी (पिछड़ा वर्ग सह संयोजक), गोबिंद वर्धन (रविदास सभा प्रदेश प्रचार सचिव) और चंद्रवीर कागरा (वाल्मीकि समाज सुधार समिति संस्थापक) — ने भी इस फैसले का स्वागत किया।


चमन राही ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई द्वारा दिया गया यह निर्णय पूरे देश के लिए मिसाल बनेगा। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में ढाई लाख से अधिक लोगों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि महाअधिवक्ता अनूप कुमार रत्न ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से मजबूती से पक्ष रखते हुए कहा कि कब्जाधारी पिछले 70-80 सालों से उन्हीं जमीनों पर रह रहे हैं, जिन पर उनके राशन कार्ड और बिजली के मीटर लगे हैं।


राही ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट की मजबूत दलीलें दीं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने याद दिलाया कि 29 मई 2000 को धूमल सरकार ने हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम की धारा 163(ए) के तहत लोगों से कब्जों की जानकारी ली थी और नियमितीकरण का वादा करते हुए उनसे करोड़ों रुपये एकत्र किए थे।


उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की हदें पार करते हुए गरीब तबके के साथ धोखा किया। कई स्थानों पर मकान तोड़ दिए गए, जिनमें बल्ह उपमंडल के भडयाल मुहाल में कर्म सिंह सैनी, अश्वनी, राकेश वालिया, डिंपल वालिया, प्रकाश चंद और दुर्गा जंवाल के घर भी शामिल हैं।


राही ने कहा कि ऐसे हजारों लोगों के मकान टूटने के आदेश आ चुके थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से अब उन्हें संजीवनी जैसी राहत मिली है।


उन्होंने बताया कि 29 अक्तूबर को सेंट्रल जोन मंडी में कब्जाधारियों की एक आपात बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें वन टाइम सेटलमेंट के लिए हर व्यक्ति की सूची तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी।



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