एक क्लिक से हो सकता है आपका बैंक अकाउंट खाली
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इन लिंक पर क्लिक करते ही उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स या फोन की एक्सेस साइबर ठगों के हाथ में चली जाती है. हाल ही में साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान "Cyber Dost" ने भी इस बारे में चेतावनी दी है कि एक गलत क्लिक आपकी निजी जानकारी को उजागर कर सकता है और बैंक खाता तक खाली हो सकता है. इसलिए बच्चों को ऑनलाइन गेम खेलने देते समय माता-पिता को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए.साइबर ठग आमतौर पर बच्चों या युवाओं को निशाना बनाते हैं जो गेम खेलने के शौकीन होते हैं. वे सोशल मीडिया, गेमिंग ग्रुप्स या मैसेजिंग ऐप्स पर "नया गेम डाउनलोड करें", "इनाम जीतें", "फ्री कॉइन्स पाएं" जैसे लिंक शेयर करते हैं. बच्चे या अभिभावक जब बिना सोचे-समझे इन लिंक पर क्लिक करते हैं, तो एक फेक वेबसाइट या गेम ऐप खुल जाती है. यह ऐप या वेबसाइट यूजर से नाम, ई-मेल, मोबाइल नंबर, या बैंक से जुड़ी जानकारी मांगती है. कई बार बैकग्राउंड में मालवेयर डाउनलोड हो जाता है जो फोन से पासवर्ड या ओटीपी जैसी संवेदनशील जानकारी चोरी कर लेता है.
कुछ मामलों में इन लिंक के जरिए फ्रॉडर बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर तक कर लेते हैं.तो तुरंत अपने बैंक, वॉलेट या UPI सर्विस प्रॉवाइडर से संपर्क करें और संदिग्ध ट्रांजैक्शन को ब्लॉक कराएं. Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) की वेबसाइट पर जाकर National Cybercrime Reporting Portal (NCRP) पर शिकायत करें. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें, यह वित्तीय साइबर फ्रॉड की सूचना देने के लिए उपलब्ध है.
बच्चों को समझाइए कि किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले माता-पिता से बात करें.
गेम-एप, कोड या इनाम देने वाले लिंक केवल विश्वसनीय स्रोत से ही स्वीकार करें.
मोबाइल और टैबलेट में यूजर-प्रोफाइल बनाएं जहां बच्चे को केवल गेम खेलने की अनुमति हो, बैंकिंग या व्यक्तिगत जानकारी का एक्सेस बंद हो.
गेमिंग डिवाइस में एंटीवायरस और सिस्टम अपडेट रखें, ताकि मैलवेयर से सुरक्षा हो सके.
बच्चों को यह सिखाएं कि अपने बैंक-यूजरनेम, पासवर्ड, वॉलेट-पिन किसी के साथ साझा न करें.
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) वाले बैंक वॉलेट सेवाएं सक्रिय रखें - इस तरह खाते में अनधिकृत लॉग-इन संभव नहीं होगा.


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