सहकारिता हिमाचल की आत्मा, 20 लाख लोग जुड़े, 50 हजार करोड़ का कारोबार : मुकेश अग्निहोत्री
सहकारिता हिमाचल की आत्मा, 20 लाख लोग जुड़े, 50 हजार करोड़ का कारोबार : मुकेश अग्निहोत्री
पालमपुर
पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष–2025 के समापन समारोह में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सहकार प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा हिमाचल प्रदेश सहकारिता नीति–2025 का अनावरण कर संक्षिप्त वीडियो के माध्यम से इसका शुभारंभ किया।
समारोह को संबोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहकारिता आंदोलन का जन्मदाता और इसे दिशा देने वाला राज्य रहा है। सहकारिता पर हर घर का विश्वास टिका है। इसकी नींव ऊना से मियां हीरा सिंह ने रखी थी और वर्ष 1906 में ऊना में ही प्रदेश की पहली पंजीकृत सहकारी समिति बनी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारिता का लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक साम्राज्य है, जिससे 20 लाख से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। सहकारिता केवल वित्तीय संस्था नहीं, बल्कि सामूहिक स्वामित्व की सशक्त मिसाल है, जहाँ प्रत्येक सदस्य मालिक होता है। सहकारिता से जुड़े हिमकैप्स जैसे संस्थान नर्सिंग व लॉ कॉलेज संचालित कर रहे हैं, जिनसे निकले विद्यार्थी समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता आंदोलन हिमाचल की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था का मजबूत आधार है। प्रदेश में सहकारिता का इतिहास 125 वर्षों से अधिक पुराना है। वर्तमान में 5730 सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं, जिनसे लगभग 19 लाख सदस्य जुड़े हैं। बीते तीन वर्षों में 900 नई सहकारी समितियों का पंजीकरण किया गया है तथा 20,690 पंचायतें सहकारी नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि सहकारिता के माध्यम से कृषि, दुग्ध, बैंकिंग और उपभोक्ता क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। प्रदेश में 2294 कृषि सहकारी समितियाँ और 10 सहकारी बैंक कार्यरत हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में 1082 दुग्ध सहकारी समितियाँ सक्रिय हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय है।
डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण, ई-पेक्स, एम-पेक्स, सीएससी से जोड़ने तथा जीआईएस आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जा रही है। अब तक 1125 पेक्स गो-लाइव हो चुकी हैं और मार्च 2026 तक सभी पेक्स के पूर्ण डिजिटलीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहकारिता नीति–2025 राष्ट्रीय सहकारिता नीति के अनुरूप सहकारी संस्थाओं को सशक्त, पारदर्शी और आत्मनिर्भर बनाएगी, जिससे ग्रामीण रोजगार, महिला एवं युवा सहभागिता, नवाचार और वित्तीय सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर विधायक आशीष बुटेल, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. अशोक पांडा, हिमफेड अध्यक्ष महेश्वर चौहान, वूलफेड अध्यक्ष मनोज कुमार, जेसीसीबी अध्यक्ष मुकेश शर्मा, एचआरटीसी उपाध्यक्ष अजय वर्मा, पालमपुर नगर निगम के मेयर गोपाल चंद नाग, पंजीयक सहकारी सभाएं डी.सी. नेगी सहित अन्य गणमान्य अतिथि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।


कोई टिप्पणी नहीं