देश मे कांग्रेस पार्टी के शासन में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार जीविका देने का था - Smachar

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देश मे कांग्रेस पार्टी के शासन में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार जीविका देने का था

 देश मे कांग्रेस पार्टी के शासन में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार जीविका देने का था  


 नूरपुर : विनय महाजन /

 नूरपुर डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री काल में संसद में मनरेगा कानून संसद केउस समय के सभी सांसदों की रजामंदी से पास किया था। यह जानकारी एक भेंट वार्ता में प्रदेश कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक अजय महाजन ने देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सुख़विन्दर सिंह सखू ने इंदौरा में आयोजित भाषण में भी मनरेगा योजना को देश का पंचायतों मे पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से रोजगार देने का एक उचित कदम बताया था जिसे मौजूदा केंद्र की सरकार ने इसका नाम बदल दिया जिस कारण कांग्रेस पार्टी इसका रोष जताती हैl हिमाचल प्रदेश इस कानून का विरोध करता है और जनता में जाकर लोगों को जागृत करेगा l महाजन ने बताया कि यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था और खासतौर पर वंचित व शोषित व गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए रोजी-रोटी का जरिया बनकर से परिवारों के लिए रोजी-रोटी का साधन बना थाl रोजगार के लिए अपनी माटी व अपना गांव व अपना घर-परिवार छोड़कर पलायन करने पर रोक लगनी आरम्भ हुई थी l रोजगार का कानूनी हक़ दिया गया व साथ ही ग्राम पंचायतों को ताकत मिली। मनरेगा के जरिए महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के भारत की ओर एक ठोस कदम उठाया गया। यह सपना भारत के प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने देश के लिए संझोया था जो आज धरातल पर सरकार होने रहा था lपिछले 11 साल में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार व गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की जबकि कोविड के वक़्त मनरेगा योजना गरीब वर्ग के लिए संजीवनी एक साबित हुई थी lलेकिन बहुत अफसोस की बात है यह है कि अभी हाल में सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया। न सिर्फ महात्मा गांधी का नाम हटाया गया बल्कि मनरेगा का रूप-स्वरुप बिना विचार-विमर्श किए बिना किसी से सलाह-मशवरा किए बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया। इस मनरेगा योजना की वास्तविकता यह थी कि पंचायत में निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार मिला था lअब अधिकार एनडीए की सरकार ने किसको कितना कहां और किस तरह रोजगार मिलेगा यह जमीनी हकीकत से दूर दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार तय करेगी। कांग्रेस पार्टी का मनरेगा को लाने और लागू करने में बड़ा योगदान था लेकिन यह पार्टी से जुड़ा मामला कभी नहीं था अपितु का मकसद पंचायती राज संस्था को मजबूत करना था। ये योजना देशहित और जनहित से जुड़ी योजना थी। मौजूदा एन डी ए की सरकार ने इस कानून को कमजोर करके देश के करोड़ों किसानों व श्रमिकों और भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है। बीस साल पहले पंचायतों में रोजगार का अधिकार दिलवाने यह आवाज देश मे कांग्रेस पार्टी ने उठाई थी l

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