तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी विमुक्त रंजन को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया
हिमाचल के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी विमुक्त रंजन को राष्ट्रपति पदक, सुरक्षा और कानून-व्यवस्था में उत्कृष्ट योगदान का सम्मान
हमीरपुर के लाल और 2009 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी विमुक्त रंजन को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है। वर्तमान में वह प्रधानमंत्री सहित देश के अन्य शीर्ष गण्यमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में डीआईजी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
सेवा का शानदार सफर
वर्ष 2023 में नई दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले विमुक्त रंजन ऊना स्थित वनगढ़ बटालियन के कमांडेंट पद पर तैनात थे। इसके अलावा वह जिला कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कांगड़ा में कार्यकाल के दौरान उन्होंने मैक्लोडगंज में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की सुरक्षा का जिम्मा भी बखूबी निभाया। हमीरपुर निवासी रंजन ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला से स्नातक की डिग्री हासिल की।
नशा तस्करों के खिलाफ सख्त रुख
एसपी कांगड़ा रहते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ नशा तस्करों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। उनकी अगुवाई में कई ड्रग नेटवर्क ध्वस्त किए गए और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया।
कोविड काल में भी ड्यूटी से नहीं हटे
कोविड महामारी के दौरान उन्होंने दिन-रात सेवाएं दीं। इस दौरान वह स्वयं गंभीर रूप से संक्रमित भी हुए, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटना उचित नहीं समझा।
सम्मान मिलने पर प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति पदक मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विमुक्त रंजन ने कहा, "मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं और इस गौरव के लिए राष्ट्र के प्रति कृतज्ञ हूं।"
प्रदेश में उनकी गिनती तेजतर्रार और समर्पित पुलिस अधिकारियों में की जाती है। राष्ट्रपति पदक उनकी निष्ठा, साहस और बेहतरीन सेवा का प्रमाण है।
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