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आपदा प्रभावित परिवारों की समस्याओं पर नेर में बैठक, 26 सितम्बर को सौंपा जाएगा ज्ञापन

आपदा प्रभावित परिवारों की समस्याओं पर नेर में बैठक, 26 सितम्बर को सौंपा जाएगा ज्ञापन

( मंडी: अजय सूर्या ) नेरघरवासड़ा व कुण्डुनी गांवों के आपदा प्रभावित किसान परिवारों ने रविवार को एक बैठक आयोजित कर अपनी समस्याओं पर चर्चा की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 26 सितम्बर को एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस बैठक में हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज विशेष आमंत्रण पर शामिल हुए।

बैठक में प्रभावित परिवारों ने अपने विचार रखे। इस दौरान शेर सिंह, मस्त राम, गुलाब सिंह, पवन ठाकुर, सुमन कपूर, सैना देवी, चमन लाल, निर्मला देवी, सुरेश कुमार, निखिल सहित कई लोगों ने आपदा से हुई तबाही और कठिनाइयों को साझा किया।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि इस आपदा में 69 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। यदि स्थिति गंभीर हुई तो छपरोट की तलाई ढह सकती है, जिससे पहाड़ी खिसकने का खतरा बढ़कर नेर खड्ड में प्राकृतिक डैम बनने की आशंका है। इससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रभावितों को जबरन घरों में न भेजकर केंद्रीय व राज्य भूगर्भ विभाग से सर्वे करवाया जाए और खतरे वाले मकानों को पूर्णतः क्षतिग्रस्त घोषित कर मुआवजा दिया जाए।

उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹7 लाख मकान मुआवजा, चाहे मकान मलकियत भूमि पर हो या न हो, मिलना चाहिए। साथ ही तबाह हुए सामान, गौशाला, मृत पशु और अन्य नुकसानों को भी दर्ज कर उचित मुआवजा दिया जाए। जिन परिवारों ने घास-चारे की कमी के कारण मजबूर होकर अपने पशु दूसरों को मुफ्त में दे दिए हैं, उन्हें भी राहत राशि दी जाए।

कुशाल भारद्वाज ने आगे कहा कि प्रभावित परिवारों को जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान उपलब्ध कराए जाएं। नए मकानों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत हो और कॉऊशेड निर्माण हेतु मनरेगा से ₹1 लाख की सेल्फ डाली जाए। साथ ही, 1980 के वन संरक्षण कानून में संशोधन कर भूमि राज्य सरकार को हस्तांतरित की जाए ताकि भूमिहीनों व आपदा प्रभावितों को जमीन मिल सके। उन्होंने 2006 के वन अधिकार कानून को प्रदेश में लागू कर किसानों को स्थायी पट्टे देने की भी मांग रखी।

बैठक में बड़ी संख्या में प्रभावित परिवारों ने भाग लिया। इस अवसर पर पवन ठाकुर, मस्त राम, ज्ञान चंद, जगरनाथ, जगदीश चंद, मदन लाल, सुरेश कुमार, गुलाब सिंह, प्रेम चंद, अहिल्या देवी, रमेश चंद, सुमन कपूर, चमन लाल, हल्की, राज कुमार, सागर, शहर सिंह, किशोरी लाल, सुरजीत, धोबू राम, संतोष कुमार, पवना देवी, निर्मला, नीमा, अनिल, सैना देवी, देवेंद्र, नेत्र, रिंकू, कश्मीर, छोटू राम, कृष्ण, मोहित, निखिल, हरि सिंह, श्याम सिंह, मस्त राम, रोशन लाल, निर्मूल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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