जुन्गा तहसील में भूस्खलन की चपेट में आया मकान, पिता-पुत्री की मौत, गांव में पसरा मातम
जुन्गा तहसील में भूस्खलन की चपेट में आया मकान, पिता-पुत्री की मौत, गांव में पसरा मातम
शिमला : गायत्री गर्ग /
माचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मकानों के ढहने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। रविवार देर रात शिमला जिले की जुन्गा तहसील से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई, जहां भूस्खलन की चपेट में एक घर पूरी तरह दब गया। इस हादसे में पिता और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे की दर्दनाक तस्वीर
जानकारी के अनुसार, हादसा पटवार सर्कल डबलू के उप-मोहाल जोत गांव में पेश आया। देर रात भारी बारिश के चलते अचानक पहाड़ दरक गया और मलबा नीचे घर पर जा गिरा। इस घर में रहने वाले वीरेंद्र कुमार (35) और उनकी नन्ही बेटी सो रहे थे। देखते ही देखते पूरा मकान मलबे में दब गया और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
पत्नी की बची जान, मवेशी भी दबे
हादसे के समय वीरेंद्र की पत्नी घर से बाहर थीं, जिसके चलते उनकी जान बच गई। लेकिन हादसा इतना भीषण था कि घर में बंधे मवेशी भी दबकर मर गए। परिवार के लिए यह दोहरी त्रासदी बन गई है।
गांव में छाया मातम
घटना की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने प्रशासन और राहत-बचाव दल के साथ मिलकर मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। बारिश और फिसलन के कारण बचाव कार्य मुश्किल जरूर रहा, लेकिन लोगों ने लगातार प्रयास कर शवों को बाहर निकाला।
प्रशासन अलर्ट, सहायता का आश्वासन
सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने प्रभावित परिवार को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन की ओर से राहत राशि प्रदान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
लगातार बढ़ रहा खतरा
गौरतलब है कि इस मानसून सीजन में शिमला समेत प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन और मकानों के ढहने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जुन्गा क्षेत्र में यह अब तक की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है। लोग प्रशासन से सुरक्षित पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
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