भारत में आजाद होने के 78साल बाद भी गौ हत्या बंद करने के लिए कोई भी कानून आज तक नहीं बना - पठानिया
भारत में आजाद होने के 78साल बाद भी गौ हत्या बंद करने के लिए कोई भी कानून आज तक नहीं बना - पठानिया
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर हिमाचल देवभूमि को शर्मसार करने वाली एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यह मामला कांगड़ा जिला के गांव माजरा का है। जहां एक महिला जो पठानकोट की रहने वाली है और उसने एक निजी तौर पर एक ( "वॉइस लैस फाउंडेशन") नामक संस्था बनाई है l इस संस्था ने कांगड़ा जिला के माजरा गांव में लगभग 300 कुत्तों के लिए एक शैड बना रखा है। जिसमें वह आवारा कुत्तों का संरक्षण करती हैl प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार करीब 200 से 300 कुत्ते इकट्ठे कर रखे हैं। और ऊंची ऊंची दीवारों से चार दिवारी कर रखी है वह महिला उन कुत्तों को खाने के लिए जिंदा गाय को उनका भोजन बनाकर परोस देती है। यह कुकृत्य वह पिछले काफी समय से कर रही थीl इस मामले मे गांव वासियों ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से भी कई बार की परंतु महिला के आगे गांव वासियों की एक न चली। जब गांव वाले पंचायत प्रधान सहित उसको कई बार समझाने भी गए तो भी वह उनसे झगड़ा करने को उतारू हो जाती है और उसका कहना है कि मैं अपनी जमीन में जो चाहे कर सकती हूं।आपको इससे क्या लेना देना।अभी कुछ दिन पहले जब उसने अपनी इस दरिंदगी के क्रम को जारी रखते हुए एक जिंदा गाय को कुत्तों के आगे डाल दिया। तो कुत्ते उस गाय को जैसे-जैसे नोच रहे थे गाय जोर-जोर से चिल्ला रही थी। जिससे स्थानीय लोग अपनी-अपनी छतों पर इकट्ठे हुए और वीडियो बनाकर वायरल कर दी जिससे क्षेत्र के स्थानीय धार्मिक व राष्ट्रवादी लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस को दी। जिस पर यह मामला खुला पुलिस ने मौके पर जाकर उस गाय को कुत्तों से छुड़ाया और उपचार हेतु गौशाला में भेजा l इस मामले मे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ के सह निदेशक राजेश पठानिया ने बताया कि यह इस इलाके की पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इस तरह के कु कृत्यों को अंजाम दिया गया है और हमारे स्थानीय लोग आगे आकर इसकी शिकायत पुलिस प्रशासन से करते है और पुलिस प्रशासन एफ आई आर दर्ज अवश्य करता हैl इसके आगे यह कार्रवाई नहीं बढ़ पाती हैl ऐसा आरोप स्थानीय प्रशासन पर लगाया गया है l पठानिया ने कहा कि गाय जिसे हम अपनी माता का दर्जा देते हैंl भारत में आजाद होने के 78 साल बाद भी गौ हत्या को रोकने का कोई भी कानून नहींं आया है। पठानिया ने भारत सरकार और हिमाचल सरकार से आग्रह किया है कि लोकसभा व विधानसभा में इस मामले में कठोर कानून बनाया जाए ताकि हम अपनी गाय अपनी संस्कृति को अपने समाज को अपने धर्म को इस दुर्दशा से बचा सके l इस मामले में क्षेत्र के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि इस मामले में उन्हें लोगों ने ज्ञापन भी दिया था और उन्होंने पुलिस को एफ आई आर दर्ज करके इसकी छानबीन के निर्देश भी दिए है l उन्होंने कहा कि फिर दर्ज होने के बाद भी इस मामले में लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मिला उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच पुलिस विभाग कर रहा है जनहित में कदम उठाया जाएगाl


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