ऑनलाइन आवेदन से आसान हुई बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया : डॉ. हीरा नंद
ऑनलाइन आवेदन से आसान हुई बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया : डॉ. हीरा नंद
दत्तक ग्रहण प्रक्रिया, पात्रता व आवश्यक दस्तावेजों पर दी विस्तृत जानकारी
लाहौल-स्पीति : विजय ठाकुर /
जिला बाल संरक्षण इकाई लाहौल-स्पीति द्वारा दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी तथा जनसुलभ बनाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत यूरनाथ में खंड-स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, पंचायत प्रतिनिधि तथा महिला मंडल के लगभग 80 सदस्यों ने भाग लिया। शिविर का उद्देश्य दत्तक ग्रहण अधिनियम 2022 एवं ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाना था।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. हीरा नंद ने बताया कि भारत सरकार ने दत्तक ग्रहण अधिनियम 2022 को बेहद सरल और पारदर्शी बनाया है। इसके अंतर्गत कोई भी महिला, पुरुष अथवा विवाहित दंपत्ति बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया की शुरुआत सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन की जाती है। इच्छुक अभ्यर्थी जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
संरक्षण अधिकारी (संस्थागत देखभाल) जोगिंदर कुमार ने ऑनलाइन आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों—आधार कार्ड, पैन कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र, मेडिकल फिटनेस रिपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र तथा पासपोर्ट साइज फोटो आदि—की जानकारी विस्तृत रूप से प्रदान की। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण से संबंधित सही जानकारी के अभाव में अक्सर लोगों को भ्रम और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।
बाल कल्याण समिति के सदस्य हीरा लाल ने दत्तक ग्रहण मामलों में समिति की भूमिका पर प्रकाश डाला। स्वास्थ्य विभाग से सुषमा, शिशु चिकित्सा अधिकारी ने बच्चों के लिए उचित आहार, देखभाल तथा मोबाइल फोन के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। सब-इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को कानूनन पूरा करने की अनिवार्यताओं और कानूनी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला के समापन अवसर पर स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान विजय कुमार आनंद ने जिला बाल संरक्षण इकाई लाहौल-स्पीति का आभार व्यक्त किया तथा आग्रह किया कि ऐसे जागरूकता शिविर समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिए, ताकि लोग विभागीय योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।


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