जायका द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
जायका द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
पालमपुर हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (HPCDP-Phase II) के अंतर्गत जिला परियोजना प्रबंधन इकाई पालमपुर द्वारा हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में “स्वयं सहायता समूह (SHG) सदस्यों के भूमिकाओं एवं उत्तरदायित्वों” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में 15 स्वयं सहायता समूहों की 45 महिला सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। प्रशिक्षण का उद्देश्य SHG सदस्यों को समूह संचालन, नेतृत्व क्षमता, वित्तीय प्रबंधन, अभिलेख संधारण एवं आजीविका संवर्धन के विभिन्न आयामों में दक्ष बनाना था, जिससे SHG गतिविधियों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित हो सके।
प्रशिक्षण में रजनीश शर्मा, विषयबाद विशेषज्ञ पालमपुर द्वारा HPCDP (Phase-II) के स्वरूप, उद्देश्यों और SHG सशक्तिकरण में इसकी महत्ता पर विस्तृत प्रस्तुति से हुई। उन्होंने बताया कि SHG मॉडल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं निर्णयात्मक स्तर पर सशक्त बनाने का महत्वपूर्ण साधन है।
इसके उपरांत डॉ. हर्षिता सूद एवं डॉ. मनोज गुप्ता ने SHG की अवधारणा, उद्देश्य, महत्व तथा SHG नेतृत्व (अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष) की भूमिकाओं व उत्तरदायित्वों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। साथ ही कार्यवाही रजिस्टर, उपस्थिति रजिस्टर, बचत व ऋण लेखा पुस्तिका जैसे महत्वपूर्ण अभिलेखों के रख-रखाव पर व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
इसके बाद डॉ. अंजू कपूर ने महिलाओं के लिए उपयुक्त आजीविका अवसरों, कौशल-विकास गतिविधियों और क्लस्टर-आधारित livelihood promotion मॉडल पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने SHG स्तर पर सफलतापूर्वक अपनाई गई आय-वृद्धि गतिविधियों के उदाहरण साझा कर महिलाओं को प्रेरित किया।
डॉ. योगिन्दर पॉल कौशल ने SHG को HPCDP का एक महत्वपूर्ण घटक बताते हुए महिलाओं से आग्रह किया कि वे समूह की सामूहिक शक्ति का अधिकतम उपयोग कर आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में भूमिका निभाएँ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. लव भूषण, वैज्ञानिक तथा निकेत शर्मा, मार्केटिंग अधिकारी भी उपस्थित रहे।


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